सीकर, 29 अप्रैल: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग दोहराई. उन्होंने आरोप लगाया कि शेखावत और उनके परिवार के सदस्य राज्य के संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के आरोपी हैं और उन्हें मंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. यह भी पढ़ें: Karnataka: कांग्रेस पर PM मोदी ने साधा निशाना, कहा कि कांग्रेस ने 91 बार अलग-अलग तरह से मुझे अपमानित किया
संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत की कथित संलिप्तता की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने सीकर में संवाददाताओं से कहा कि इस घोटाले के पीड़ित निवेशक उनसे तीन बार मिल चुके हैं और अपना दर्द बयां कर चुके हैं.
गहलोत ने कहा कि अगर शेखावत पीड़ितों से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलना चाहते, तो वह पीड़ितों से मुलाकात की वीडियो रिकॉर्डिंग उन्हें भेज सकते हैं, ताकि उन्हें पीड़ितों की स्थिति के बारे में पता चल सके. मुख्यमंत्री ने कहा, “वह कैबिनेट मंत्री हैं. इतना महत्वपूर्ण मंत्रालय उनके पास है. उन्हें शर्म नहीं आती कि वह ढाई लाख लोगों की रकम दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे. कितना दिलवा पााएंगे या नहीं, यह अलग बात है. क्या उनका नैतिक दायित्व नहीं है कि प्रयास करें, पीड़ितों से मिलकर उनसे बातचीत करें.”
गहलोत ने कहा कि संपत्तियां बेचकर पीड़ितों को पैसा लौटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे व्यक्ति को बर्खास्त करना चाहिए. उल्लेखनीय है कि गहलोत इस मुद्दे को लेकर शेखावत पर लगातार हमलावर रहे हैं. वहीं, राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री शेखावत को आरोपी के रूप में बताए जाने के बारे में राज्य सरकार के स्पष्टीकरण को शुक्रवार को रिकॉर्ड में लिया.
मामले की जांच राजस्थान पुलिस का विशेष समूह (एसओजी) कर रहा है. आरोप है कि संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने राज्य के लाखों लोगों की कमाई का गबन किया है.
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