नयी दिल्ली, आठ दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की उस याचिका पर शुक्रवार को उपराज्यपाल के कार्यालय और अन्य से जवाब देने को कहा जिसमें दुर्घटना पीड़ितों को निशुल्क इलाज मुहैया कराने संबंधी ‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना के लिए निधि जारी किए जाने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और अन्य को नोटिस जारी किया और उनसे याचिका पर जवाब देने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह समझ नहीं आता कि सरकार की यह एक शाखा सरकार की दूसरी शाखा से लड़ रही है। नोटिस जारी किया जाए।’’
दिल्ली सरकार की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना के 23,000 मामलों को कवर किया गया है।
सिंघवी ने कहा, ‘‘मैं पत्र लिखता रहता हूं और (निधि) मांगता रहता हूं। वे भुगतान रोक देते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से सामाजिक कल्याण का मामला है और इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है।’’
‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना लोगों को सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों को बचाने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके तहत, सरकार उन लोगों के अस्पताल के बिल का भुगतान करती है जो शहर में दुर्घटनाओं का शिकार हुए हैं।
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