नयी दिल्ली, 17 जुलाई किशोरावस्था में शरीर के निचले हिस्से में लकवे के डर से राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की नुमाइंदगी तक, भारत के युगल बैडमिंटन खिलाड़ी बी सुमीत रेड्डी का सफर जुझारूपन और जिजीविषा की बानगी पेश करता है ।
अपने कैरियर के शुरूआती दौर में सुमीत रीढ की हड्डी में किसी बीमारी की वजह से तीन सप्ताह बिस्तर पर थे । डॉक्टरों ने उन्हें बैडमिंटन छोड़ने के लिये कहा था लेकिन उनका पूरा ध्यान कोर्ट पर वापसी पर लगा था ।
और अब 2022 में सुमीत ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय टीम में जगह बनाई है । वह मिश्रित युगल चयन ट्रायल में अश्विनी पोनप्पा के साथ उतरे और शीर्ष पर रहे । उन्होंने रहैबिलिटेशन के लिये फिजियोथेरेपी की और अपने दम पर वापसी की ।
सुमीत ने पीटीआई से बातचीत में कहा ,‘‘ यह 2010 . 2011 की बात है । मैं एकल वर्ग में भारत के शीर्ष पांच खिलाड़ियों में था । एक दिन मेरी कमर में तकलीफ हुई और पता चला की मेरूदंड की हड्डियों में ‘एयर बबल गैप’ आ गए हैं ।मुझे खेल छोड़ने के लिये कहा गया था ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैने दस डॉक्टरों से राय ली लेकिन कोई मुझे हल नहीं दे सका । मैं 20 दिन तक बिस्तर पर था । बाथरूम जाने के लिये भी मदद लेनी पड़ती थी । शरीर के निचले हिस्से में लकवा मारने का डर था लेकिन मैं हार नहीं मानने वाला था ।’’
सुमीत ने कहा ,‘‘ कुछ सप्ताह बाद मैने प्रयोग करना शुरू किये । मैने आयुर्वेद की शरण ली और हरसंभव प्रयास किये । आखिरकार रिहैब, व्यायाम और कड़े अनुशासन से मुझे फायदा मिला । मुझे एकल छोड़ना पड़ा लेकिन तीन चार साल बाद मुझे बेहतर लगने लगा ।’’
इसके बाद से सुमीत ने प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ना सीख लिया । आनलाइन नफरत, फाउंडेशन या प्रायोजकों से सहयोग का अभाव और वित्तीय परेशानियों को उसने झेला ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे बैडमिंटन का जुनून है और इससे बढकर कुछ नहीं । किसी एनजीओ या फाउंडेशन ने मेरी मदद नहीं की । मेरे पास 2018 से प्रायोजक नहीं है और पिछले साल से वेतन भी नहीं मिला ।’’
तेलंगाना के आयकर विभाग में कार्यरत सुमीत ने बताया कि टूर्नामेंटों में भाग लेने के लिये छुट्टियां लेने से पहले उन्होंने सारे जरूरी दस्तावेज जमा किये लेकिन किसी ‘कन्फ्यूजन’ के चलते वेतन नहीं मिला ।
सुमीत ने कहा कि उन्हें बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का बेताबी से इंतजार है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मेरी और अश्विनी की टाइमिंग अच्छी है । हम खेलने को बेताब हैं । यह कठिन टूर्नामेंट होगा लेकिन मैच के दिन रैंकिंग मायने नहीं रखती । हमें दबाव का डटकर सामना करना होगा।’’
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