नयी दिल्ली, दो अगस्त विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) जुलाई महीने में लगातार दूसरे महीने शुद्ध खरीदार रहे। उन्होंने कोरोना वायरस बीमारी के टीके की उम्मीद के बीच जुलाई में भारतीय बाजारों में कुल 3,301 करोड़ रुपये का निवेश किया।
डिपॉजिटरीज के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में एफपीआई ने शेयर बाजारों में 7,563 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि उन्होंने 4,262 करोड़ रुपये की निकासी की। इस प्रकार उन्होंने 3,301 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।
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इससे पिछले महीने में एफपीआई ने भारतीय बाजार में 24,053 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
परामर्श कंपनी मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट प्रबंध शोध निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वायरस के टीके को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं। इस बीच बाजार में धारणा सुधरी है और इससे निवेशकों को भारतीय बाजार में मुनाफावसूली के अवसर मिले। जुलाई में एफपीआई का निवेश बढ़ने की प्रमुख वजह यही है।
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हालांकि जुलाई में एफपीआई का निवेश जून से कम रहने के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि इसकी वजह निवेशकों का ‘सावधानी भरा रुख’ रहना है, क्योंकि भारत में अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण लगातार फैल रहा है।
वहीं कोटक सिक्युरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं मौलिक शोध प्रमुख रुसमिक ओझा ने कहा कि जुलाई के आखिरी सप्ताह में उभरते बाजारों में एफपीआई निवेश का रुख मिश्रित रहा। इसमें भारत और दक्षिण कोरिया में वह लिवाल बने नजर आए, तो वहीं अन्य बाजारों में मुख्य तौर पर बिकवाल रहे।
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