विदेश की खबरें | कोविड-19 रोधी टीके की चौथी खुराक प्रतिरोधक क्षमता को काफी बढ़ाती है : ब्रिटिश अध्ययन

लंदन, 11 मई फाइजर या मॉडर्ना कोविड-19 रोधी टीके की चौथी खुराक सुरक्षित है और तीसरी खुराक के मुकाबले एंटीबॉडी के स्तर को कहीं अधिक बढ़ाती है। ब्रिटेन में हुए एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन के हालिया नतीजों में यह बात सामने आई।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ब्रिटेन में बीमारी के लिहाज से बेहद संवेदनशील लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की चौधी खुराक ‘स्प्रिंग बूस्टर’ के तौर पर दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि अध्ययन के आंकड़े उपलब्ध होने से पहले प्रतिरक्षा के उच्च स्तर को बनाए रखने के लिए यह एक एहतियाती रणनीति रही है।

‘द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल’ में प्रकाशित नतीजे बताते हैं कि कोविड-19 के लिए चौथी खुराक एमआरएनए बूस्टर टीके उन लोगों में अच्छे नतीजे दिखाते हैं जिन्हें फाइजर टीका तीसरी खुराक के रूप में दिया गया था।

शोधकर्ताओं के अनुसार, ये एंटीबॉडी और कोशिकीय प्रतिरक्षा, दोनों को आधाररेखा और उससे ऊपर के स्तर तक तथा तीसरी बूस्टर खुराक के बाद देखे गए अधिकतम स्तर से आगे लेकर जाते हैं।

एनआईएचआर साउथैम्पटन क्लीनिकल रिसर्च फेसिलिटी के निदेशक और परीक्षण प्रमुख प्रोफेसर साउल फाउस्ट ने कहा, “यह नतीजे मौजूदा स्प्रिंग खुराक प्राप्त कर रहे अत्यधिक संवेदनशील लोगों को होने वाले फायदे रेखांकित करते हैं और ब्रिटेन में शरद ऋतु में किसी भी संभावित टीकाकरण कार्यक्रम के लिये भरोसा देते हैं, अगर टीकाकरण और प्रतिरक्षीकरण पर संयुक्त समिति उस समय इसकी आवश्यकता समझती है।”

अध्ययन में जून 2021 में फाइजर या एस्ट्राजेनेका की शुरुआती खुराक लेने के बाद 166 ऐसे लोगों को चुना गया जिन्होंने तीसरी खुराक के तौर पर फाइजर का टीका लिया था। इन लोगों को बिना किसी निर्धारित क्रम के चौथी खुराक के तौर पर फाइजर की पूर्ण खुराक या मॉडर्ना की आधी खुराक लगवाने के लिये चुना गया।

तीसरी खुराक के करीब सात महीने बाद चौथी खुराक दी गई।

शोधकर्ताओं ने कहा कि टीकाकरण स्थल पर दर्द और थकान सबसे आम दुष्प्रभाव थे, लेकिन टीके से संबंधित कोई गंभीर प्रतिकूल घटना नहीं थी और चौथी खुराक सुरक्षित और सुगमता पूर्वक लग गई थी।

कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिये एनआईएचआर के क्लीनिकल प्रमुख प्रो. एंड्र्यू उस्तीयानोव्स्की ने कहा, “हम जानते थे कि वर्ष की शुरुआत में सबसे संवेदनशील (बीमारी के लिहाज से) लोगों को चौथी खुराक देना महत्वपूर्ण था।”

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