इस्लामाबाद, 20 मई मुश्किलों से जूझ रहे इमरान खान को जिला एवं सत्र अदालत के सोमवार के उस आदेश से राहत मिली जिसके तहत पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अन्य नेताओं को तोड़फोड़ के दो मामलों में बरी कर दिया गया।
‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार, मार्च 2022 के ‘लॉन्ग मार्च’ के दौरान तोड़फोड़ से संबंधित दो मामलों में अदालत का फैसला 71 वर्षीय ‘पीटीआई’ संस्थापक और अन्य राजनेताओं द्वारा उन्हें बरी करने के आग्रह को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान आया।
पार्टी के बरी किए गए अन्य नेताओं में जरताज गुल, अली नवाज अवान, फैसल जावेद, शाह महमूद कुरेशी, कासिम सूरी, राजा खुर्रम नवाज, शिरीन मजारी, सैफुल्ला नियाजी, असद उमर और अवामी मुस्लिम लीग प्रमुख शेख राशिद अहमद शामिल हैं।
कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों द्वारा लगाई गई धारा 144 के उल्लंघन के लिए खान और अन्य नेताओं के खिलाफ कोहसर और कराची कंपनी थानों में मामले दर्ज किए गए थे।
यहां संवाददाताओं से बातचीत में खान के वकील नईम पंजोथा ने कहा कि पीटीआई संस्थापक के खिलाफ मामले राजनीतिक प्रतिशोध पर आधारित थे।
उन्होंने कहा कि पीटीआई संस्थापक के खिलाफ मार्च के दौरान तोड़फोड़ के मामले में कोई सबूत नहीं पाए गए।
कोहसर थाने में दर्ज मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट शहजाद खान ने इमरान खान, कुरेशी, राशिद, अवान, सूरी और नवाज को बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने इससे पहले ‘लॉन्ग मार्च’ से जुड़े तोड़फोड़ के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह घटनाक्रम 15 मई को एक जिला एवं सत्र अदालत द्वारा नौ मई के तोड़फोड़ के दो मामलों में खान को बरी करने के कुछ दिनों बाद आया है।
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