नयी दिल्ली, 25 अप्रैल दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की पत्नी ‘ऑटोइम्यून डिसऑर्डर’ से पीड़ित हैं और उन्हें यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि सीमा सिसोदिया (49) को इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया है और उनकी जांच की जा रही है।
एक सूत्र ने कहा, “उन्हें 2000 में एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी मल्टीपल स्केलेरोसिस का पता चला था। पिछले 23 वर्षों से उनका निजी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। आम तौर पर यह माना जाता है कि बीमारी का प्रभाव समय और अन्य कारकों जैसे शारीरिक और भावनात्मक तनाव में वृद्धि के साथ तेज होता है।”
सूत्रों ने बताया कि सीमा सिसोदिया में इस समय ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इनमें चलने-फिरने में परेशानी, गिरने और संतुलन खोने का जोखिम, आंत और मूत्राशय संबंधी समस्याएं शामिल हैं।
गौरतलब है कि इस बीमारी में मांसपेशियों पर से व्यक्ति का नियंत्रण खो जाता है, जिसके चलते उसे हिलने डुलने, चलने या बात करने में परेशानी होती है।
सूत्रों के अनुसार, अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि उनकी शारीरिक स्थिति को देखते हुए, बीमारी के लक्षणों व प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें नियमित फिजियोथेरेपी और दवाओं की जरूरत है क्योंकि उन्हें चलने या बैठने में बहुत कठिनाई हो रही है।
उन्होंने कहा कि उनकी नियमित जांच और इलाज की भी जरूरत है।
आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्य प्रवक्ता और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, "मनीष जी की पत्नी एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। लाखों में से कोई एक इससे पीड़ित होता है। इस बीमारी में मस्तिष्क शरीर के अंगों पर से नियंत्रण खो देता है। रोगी निर्भर हो जाता है।”
भारद्वाज ने कहा, "हमें उम्मीद है कि वह ठीक हो जाएंगी। वह कुछ साल पहले लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रही थीं। उस समय बीमारी का पता नहीं चला था। भाजपा ने संवाददाता सम्मेलन भी किया था, जिसमें कहा गया था कि सिसोदिया जी ने मेडिक्लेम के तौर पर बड़ी रकम ली थी।”
पार्टी के वरिष्ठ नेता भारद्वाज ने अफसोस जताया कि सीमा सिसोदिया के साथ परिवार का कोई सदस्य नहीं है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि पार्टी के सदस्यों को उनके साथ होना चाहिए। बीमारी काफी अप्रत्याशित है और रोगी को भावनात्मक समर्थन की भी जरूरत है। मनीष जी उनके पास नहीं हैं और उनका बेटा विदेश में है।”
‘मल्टीपल स्केलेरोसिस’ एक ऐसी बीमारी है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिका तंतुओं के सुरक्षात्मक आवरण पर हमला करती है, जिसके परिणामस्वरूप मस्तिष्क और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संचार समस्याएं पैदा होती हैं। इसे 2016 से विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत एक विकलांगता के रूप में मान्यता दी गई है।
आबकारी नीति मामले में न्यायिक हिरासत में रखे गए सिसोदिया ने पत्नी की तबीयत खराब होने और बेटे के विदेश में होने का हवाला देते हुए अदालत से जमानत मांगी थी। अदालत 26 अप्रैल को उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी।
भारद्वाज ने कहा, “अदालत को स्थिति पर विचार करना चाहिए।”
आबकारी नीति मामले में फरवरी में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान ने सिसोदिया के आवास पर उनकी पत्नी से मुलाकात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।
केजरीवाल ने कहा था कि सीमा सिसोदिया "एक बहुत ही गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं"।
उन्होंने कहा था, "यह मल्टीपल स्केलेरोसिस है, जिसमें दिमाग धीरे-धीरे शरीर पर नियंत्रण खो देता है। वह घर पर अकेली हैं। मनीष उनकी देखभाल करते थे।"
केजरीवाल ने कहा था कि सिसोदिया का बेटा पढ़ाई के लिए विदेश में है।
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