FMCG Manufacturers: एफएमसीजी विनिर्माताओ को 2023-24 में बिक्री, मुनाफे में सुधार की उम्मीद, घट सकती हैं कीमतें
FMCG Manufacturers (Photo Credit: Business Today)

नयी दिल्ली, 21 मई: भारत की प्रमुख एफएमसीजी (रोजमर्रा की घरेलू वस्तुओं) कंपनियां कोविड महामारी के बाद अब सामान्य वृद्धि चक्र में लौट चुकी हैं और उन्होंने निवेश बढ़ाने के साथ ही विज्ञापन और विपणन पर खर्च भी बढ़ाया है. एफएमसीजी कंपनियां बिक्री और मुनाफे में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित हैं. यह भी पढ़ें: Share Market: सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से छह कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 70,487 करोड़ रुपये घटा

एफएमसीजी कंपनियां कुछ तिमाहियों के बाद अब फिर बिक्री में बढ़ोतरी देख रही हैं. मुद्रास्फीति का दबाव कम होने के बाद साबुन से लेकर खाने-पीने की चीजों के वजन को बढ़ाया जा रहा है और कीमतों में कटौती की जा रही है. हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), डाबर, मैरिको, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, आईटीसी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और नेस्ले ने मार्च तिमाही में बिक्री में सुधार दर्ज किया. इन कंपनियों का कहना है कि उन्हें चालू वित्त वर्ष में धीरे-धीरे वृद्धि की उम्मीद है.

मैरिको के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौगत गुप्ता ने कंपनी के एक कार्यक्रम में कहा, “लगातार सुधार की उम्मीद मजबूत हुई है. पांच तिमाहियों तक बिक्री में गिरावट के बाद इस क्षेत्र ने वृद्धि दर्ज की.” सफोला, पैराशूट और लिवॉन जैसे लोकप्रिय ब्रांड की मूल कंपनी मैरिको का मार्च, 2023 तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 18.7 प्रतिशत वृद्धि के साथ 305 करोड़ रुपये रहा, जबकि बिक्री 3.65 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,240 करोड़ रुपये रही.

एचयूएल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार दिखा है. एचयूएल की बिक्री में गिरावट जारी है, लेकिन यह पिछली तिमाहियों के मुकाबले कम है. एचयूएल का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 12.74 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,601 करोड़ रुपये रहा. शुद्ध बिक्री 10.83 प्रतिशत वृद्धि के साथ 14,926 करोड़ रुपये रही.

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