नयी दिल्ली, 25 जुलाई : देश में 1986 से 2022 के बीच आई बाढ़ से 712 जिलों की 2.10 करोड़ हेक्टेयर जमीन प्रभावित हुई. सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा ‘भारत में बाढ़ के कारण प्रभावित क्षेत्रों का आकलन’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में 36 वर्षों की अवधि में देश में बाढ़ से हुई क्षति पर प्रकाश डाला गया है. रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न संरचनात्मक उपाय कर 2.05 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से बचाया गया.
अध्ययन के मुताबिक गत 36 वर्ष की अवधि के दौरान भारत में बाढ़ प्रभावित कुल क्षेत्रफल 2.1213 हेक्टयर रहा. इसके मुताबिक, बाढ़ के कारण जलमग्न होने की आशंका वाले क्षेत्रों का मानचित्रण करने के लिए उपग्रह से प्राप्त चित्रों और वार्षिक रूप से एकत्रित आंकड़ों का उपयोग किया गया.अध्ययन के मुताबिक बिहार, उत्तर प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं. सीडब्ल्यूसी रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 51.75 लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई. वहीं, बिहार में 29.14 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 18.4 लाख हेक्टेयर और असम में 24.8 लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन राज्यों में लगातार वृहद पैमाने पर बाढ़ आई है, जिससे विशाल भूभाग और अनेक जिले प्रभावित हुए हैं. यह भी पढ़ें : NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक केस में CBI ने जारी किया आधिकारिक बयान, साझा की अहम जानकारी
रिपोर्ट में, बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या का विवरण भी दिया गया है. सीडब्ल्यूसी के मुताबिक, देश में बाढ़ प्रभावित कुल जिलों की कुल संख्या 712 है. इनमें उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 75 जिले बाढ़ प्रभावित हैं जबकि मध्य प्रदेश में 53, बिहार में 38 जिले तथा असम में 33 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. रिपोर्ट में, इसके अलावा बाढ़ का नदी बेसिन आधारित विश्लेषण किया गया है. इसके मुताबिक गंगा बेसिन सबसे अधिक प्रभावित है, जो कुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 54 प्रतिशत है. बाढ़ से प्रभावित होने वाले अन्य प्रमुख क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र और महानदी बेसिन शामिल हैं.