नयी दिल्ली, 17 अगस्त दिल्ली पुलिस ने पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार कर सर्च इंजन ओप्टिमाइजेशन घोटाले का भंडाफोड़ करने का दावा किया। इस घोटाले में विभिन्न फर्जी ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से लोगों को चूना लगाया गया।
सर्च इंजन ओप्टिमाइजेशन सर्च इंजनों से किसी वेबसाइट या वेबपेज पर ट्रैफिक की गुणवत्ता एवं मात्रा सुधारने की प्रक्रिया है।
आरोपियों की पहचान पश्चिम विहार निवासी विजय अरोड़ा (37), निलोठी एक्सटेंशन के निवासी मनमीन सिंह (29) एवं अवतार सिंह (32), बिजवासन के निवासी राजकुमार (30) और रानीबाग के निवासी प्रदीप कुमार (32) के रूप में हुई है।
पुलिस ने कहा कि पिछले तीन सालों में 10000 से अधिक लोगों को 25 करोड़ रूपये का चूना लगाया गया। पुलिस के अनुसार उसे कई शिकायतें मिलीं और पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उन्होंने 3699 रूपये या 3999 रूपये का अग्रिम भुगतान करके डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट बुक माई टैब डॉट कॉम पर टैबेलेट बुक कराया लेकिन उन्हें यह उत्पाद कभी नहीं मिला।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने वेबसाइट को खंगाला और उसे पता चला कि बहुत बड़े पैमाने पर लोगों को ठगने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है तथा कई शिकायतें ऑनलाइन भी पायी गयी थीं।
पुलिस उपायुक्त (साइबर) अन्येष राय ने कहा, ‘‘ जांच के दौरान आरापियों के ठिकाने पर नजर रखी। मुख्य आरोपी अरोड़ा के ठिकाने पर छापा मारा गया तथा उसके कार्यालय से अभियोजनयोग्य सामग्री एवं घटिया उत्पाद बरामद किये गये। ’’
उपायुक्त के अनुसार बाद में उसके संचालन प्रबंधक एवं अभियान प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मताबिक अरोड़ा ने कई ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के लिए कूरियर एग्रीगेटर (एक प्रकार का कूरियर धंधा) के रूप में अपनी कंपनी शुरू की और वहीं से फर्जी शॉपिंग वेबसाइट बनाने का विचार उसके दिमाग में आया। पुलिस का कहना है कि पिछले तीन सालों में उसने 60 से अधिक फर्जी शॉपिंग कंपनियां बनायी एवं उनपर औने-पौने दाम पर इलेक्ट्रोनिक उपकरण की पेशकश की जाती थी लेकिन भुगतान के बाद उन्हें उत्पाद नहीं भेजा जाता था तथा यदि कोई ग्राहक रिफंड मांगता था उसे घटिया उत्पाद भेज दिया जाता था।
पुलिस के अनुसार प्रदीप ने कर्नाटक से बी.टेक कर रखा और उसे नवीनतम प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल है। वह ऑनलाइन अभियान प्रबंधक था।
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