नयी दिल्ली, 29 जनवरी केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा दिसंबर 2020 के अंत में 11.58 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। यह बजट अनुमान का 145.5 प्रतिशत है। मुख्य रूप से राजस्व संग्रह कम रहने से राजकोषीय घाटा बढ़ा है।
कारोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण व्यापार गतिविधियां प्रभावित होने से राजस्व संग्रह पर असर पड़ा है।
लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़े के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में दिसंबर के अंत में राजकोषीय घाटा 2019-20 के बजटीय अनुमान का 132.4 प्रतिशत था।
निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा दिसंबर के अंत में 11,58,469 करोड़ रुपये रहा।
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने बजट में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है।
व्यय और राजस्व के बीच अंतर राजकोषीय घाटा इस साल जुलाई में सालाना लक्ष्य से ऊपर निकल गया।
वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.6 प्रतिशत रहा था।
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