जरुरी जानकारी | पहली छमाही में ही राजकोषीरय घाटा बजट के सालाना अनुमान से ऊपर निकला

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केन्द्र का राजकोषीय घाटा पहली छमाही में ही वार्षिक अनुमान के से ऊपर निकल गया है। राजस्व प्राप्ति कम रहने से सितंबर में समाप्त छह माह में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 114.8 प्रतिशत तक पहुंच गया।

नयी दिल्ली, 29 अक्ट्रबर केन्द्र का राजकोषीय घाटा पहली छमाही में ही वार्षिक अनुमान के से ऊपर निकल गया है। राजस्व प्राप्ति कम रहने से सितंबर में समाप्त छह माह में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 114.8 प्रतिशत तक पहुंच गया।

कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं। यही वजह है कि पहली छमाही में राजस्व प्राप्ति भी प्रभावित हुई और राजकोषीय घाटा 9.14 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। बजट में 2020-21 में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।

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सरकार के महा लेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चाले वित्त वर्ष 2020- 21 की अप्रैल से सितंबर अवधि के दौरान केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा 9,13,993 करोड़ रुपये रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 92.6 प्रतिशत पर रहा था जबकि इस साल यह 114.8 प्रतिशत पर पहुंच गया।

सरकार को मिलने वाले कुल राजस्व और उसके कुल खर्च के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। वास्तव में इस साल जुलाई में ही राजकोषीय घाटा वार्षिक अनुमान के बराबर पहुंच गया था।

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इस वित्त वर्ष में सितंबर तक सरकार को कुल 4,58,508 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। यह राशि अनुमानित वार्षिक राजस्व का 25.18 प्रतिशत रही है। पिछले वित्त वर्ष में सितंबर तक यह प्राप्ति वार्षिक अनुमान का 40.2 प्रतिशत रही थी।

सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर तक प्राप्त राजस्व में केन्द्र को शुद्ध रूप से 4,58,508 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। इसमें से 92,274 करोड़ रुपये गैर- कर राजस्व और 14,635 करोड़ रुपये गैर- रिण पूंजी प्राप्ति रही। गैर- रिण पूंजी प्राप्ति में 8,854 करोड़ रुपये कर्ज वसूली और 5,781 करोड़ रुपये विनिवेश प्राप्ति के रूप में प्राप्त हुये।

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में सीजीए के आंकड़ों को दिया गया है। इसमें कहा गया है कि सितंबर तक केन्द्रीय कर में राज्यों को उनके हिस्से के रूप में 2,59,941 करोड़ रुपये जारी किये गये। यह राशि पिछले साल के मुकाबले 51,277 करोड़ रुपये कम रही है।

सीजीए आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान सरकार का कुल व्यय 14,79,410 करोड़ रुपये रहा। यह राशि बजट अनुमान का 48.63 प्रतिशत रही। इसमें से 13,13,574 करोड़ रुपये राजस्व खाते में खर्च किये गये जबकि 1,65,836 करोड़ रुपये पूंजी खाते में खर्च किये गये। राजस्व व्यय में 3,05,652 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान और 1,56,210 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी पर खर्च किये गये। पिछले साल पहली छमाही में कुल खर्च वार्षिक बजट अनुमान का 53.4 प्रतिशत रहा था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में 2020- 21 का बजट पेश किया था। इस बजट में राजकोषीय घाटा 7.96 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। यह आंकड़ा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले 3.5 प्रतिशत अनुमानित है। बहरहाल, कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न आर्थिक व्यावधान के बीच इन आंकड़ों में बड़ा संशोधन हो सकता है।

पिछले वित्त वर्ष 2019- 20 में भी राजकोषीय घाटा जीडीपी के मुकाबले 4.6 प्रतिशत तक पहुंच गया जो कि इसका पिछले सात साल का उच्च स्तर रहा है।

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