देश की खबरें | तेलंगाना में पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गणेश चतुर्थी का त्योहार

हैदराबाद, 31 अगस्त तेलंगाना में बुधवार को गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया तथा लोगों ने मंदिरों में जाकर अथवा अपने घरों में भगवान सिद्धी विनायक की पूजा अर्चना की।

गणेश चतुर्थी के त्योहार को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

कोविड-19 महामारी का खतरे कम होने के साथ ही इस साल हैदराबाद समेत पूरे तेलंगाना में गणेश चतुर्थी का उत्सव पारंपरिक तरीके से मनाया गया।

राज्य भर में रिहायशी इलाकों में लोगों ने पंडालों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना की।

पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर अधिकारियों और नागरिकों द्वारा पूजा के लिए मिट्टी की मूर्तियों को लोकप्रिय बनाने के प्रयास काफी हद तक सफल हुए हैं और कई जगहों पर लोगों ने मिट्टी की मूर्तियों को प्राथमिकता दी। यह उत्सव 11 दिनों तक चलेगा।

सरकार और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के इस्तेमाल के खिलाफ नागरिकों को जागरुक करने के भी प्रयास किए।

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) और कई अन्य संगठनों ने पिछले कई दिनों मिट्टी की मूर्तियों को मुफ्त में वितरित किया।

तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन और हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शहर के खैराताबाद में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। खैराताबाद में प्रत्येक वर्ष भगवान गणेश की विशाल मूर्ति स्थापित की जाती है।

खैराताबाद में गणेश उत्सव के आयोजकों ने इस साल 50 फुट ऊंची मिट्टी की मूर्ति स्थापित की है। उन्होंने कहा कि मूर्ति इतनी मजबूत है कि उसे विसर्जन के लिए ले जाया जा सकता है।

हैदराबाद में 11 दिनों की पूजा के पूरे होने के बाद हजारों विनायक प्रतिमाओं का जल निकायों, खास तौर पर हुसैन सागर झील में ‘‘निमज्जनम’’(विसर्जन) बहुत बड़ा आयोजन होता है।

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