जयपुर, सात अक्टूबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों से तकनीक का पूरा फायदा उठाने का आह्वान करते हुए शनिवार को कहा कि कृषि उत्पादों का बाजार बहुत बड़ा है, लेकिन इसमें किसानों की भागीदारी पर्याप्त नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में उनकी यात्राएं मुख्यतः कृषि संबंधी संस्थानों और किसानों के विकास और उन्नति से जुड़ी हुई हैं।
वह सूरतगढ़ स्थित केंद्रीय राज्य फार्म में एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
आधिकारिक बयान के अनुसार धनखड़ ने कहा कि कृषि उत्पादों का बाजार बहुत बड़ा है, लेकिन इसमें किसानों की भागीदारी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने किसान को कृषि उत्पादकों के व्यापार पर अपना यथाउचित स्थान तथा कृषि सम्बंधित अनुसंधान व विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जिससे किसानों को समृद्धि की दिशा में अग्रसर करने और देश के निर्यात क्षेत्र में नए पीढ़ियों को अवसर मिले।
उपराष्ट्रपति ने कहा,‘‘मैं मेरे किसान भाइयों से आग्रह करूंगा, उनको तकनीक का पूरा फायदा उठाना चाहिए। आपके उत्पादन की अगर गुणवत्ता बढ़ती है, तो उसका मूल्य कई गुना होता है। पर आप तक फायदा तब आयेगा जब उत्पादन के साथ उसकी मार्केटिंग और निर्यात में आपकी भागीदारी हो।’’
देश के आर्थिक विकास पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों के प्रयासों के कारण ही भारत पांचवी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनी है।
बयान के मुताबिक राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्राएं मुख्यतः कृषि संबंधी संस्थानों और किसानों के विकास और उन्नति से जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ जब वह किसान के विकास के लिए काम कर रहे हैं तो कुछ लोगों को किस बात की आपत्ति व परेशानी हो रही है।’’ धनखड़ की इस टिप्पणी को एक तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उन टिप्पणियों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है जो उन्होंने उपराष्ट्रपति के बार-बार राज्य के दौरे पर आने को लेकर की थी।
उपराष्ट्रपति धनखड़ व उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने गोगामेड़ी में श्री गोगा जी महाराज मंदिर में दर्शन किये।
उपराष्ट्रपति ने बाद में केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर में आयोजित एक अन्य संगोष्ठी में भाग लिया। उन्होंने कहा कि किसान ने जिस दिन कृषि उत्पादों के व्यापार को अपने कब्जे में ले लिया, अपना वाजिब हिस्सा लिया, मान कर चलिए, बहुत बड़ा बदलाव आएगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)