गाजियाबाद, 15 दिसंबर दिल्ली के प्रवेश बिंदु गाजीपुर पर एक साल पहले डेरा जमाने वाले किसान, आंदोलन के ‘स्थगन’ के साथ आखिरकार बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में विजय यात्रा के साथ घरों को लौट गए। सुबह हवन पूजन और प्रसाद में हलवा वितरण के बाद भारत माता की जयकार व देशभक्ति के गीतों के बीच विजय यात्रा में शामिल किसान अपने गंतव्य को रवाना हुए। इस दौरान टिकैत ने कहा कि आंदोलन ने बहुत कुछ सिखाया है और इसकी खट्टी-कड़वी और मीठी यादें हमेशा साथ रहेंगी।
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में आंदोलन शुरू किया था और हाल ही में केंद्र सरकार ने इन कानूनों को रद्द कर दिया था जिसके बाद किसानों की घर वापसी हुई है।
गाजीपुर से किसानों के रवाना होने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए भाकियू प्रवक्ता टिकैत ने सहयोग के लिए जनता का आभार जताया और कहा ‘‘383 दिनों तक चले आंदोलन ने बहुत कुछ सिखाया है और इसे याद रखा जाएगा। आंदोलन की खट्टी मीठी, कड़वी यादें हमेशा साथ रहेगी।‘’ इसके बाद टिकैत समर्थकों के साथ गाजीपुर से मुजफ्फरनगर जिले के अपने गांव सिसौली के लिए रवाना हुए।
टिकैत ने गाजीपुर से रवानगी के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर भी साझा किए। टिकैत ने ट्वीट किया “13 महीने सड़क पर संघर्ष, आज घर वापसी देश के नागरिकों का हार्दिक आभार।”
इससे पहले सुबह गाजीपुर बार्डर पर हवन किया गया और प्रसाद में हलवा और खीर बांटी गई। गाजीपुर से सामान को समेटने के बीच सुबह घर के लिए रवाना हो रहे किसानों के लिए लंगर में नाश्ते-भोजन का भी प्रबंध किया गया था।
भाकियू के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि मुजफ्फरनगर के सिसौली में अपने घर जाने से पहले टिकैत सर्व खाप के मुख्यालय सौरम जाएंगे। उन्होंने बताया कि आंदोलन में जीत के बाद घर लौट रहे किसानों के जोरदार स्वागत के लिए सिसौली में तैयारियां की गई है। उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में मिठाई तैयार की गई है और सिसौली स्थित किसान भवन को फूलों से सजाया गया है।
किसान संगठनों के नेतृत्वकारी संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीनों कानूनों के रद्द होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिस में दर्ज मामले वापस लिये जाने और ‘एमएसपी’ सहित अपनी मुख्य लंबित मांगों को स्वीकार करने का एक ‘‘औपचारिक पत्र’’ केंद्र सरकार से प्राप्त होने के बाद नौ दिसंबर को अपने आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की थी।
एसकेएम ने कहा था कि किसान 11 दिसंबर को ‘‘विजय दिवस’’ के रूप में मनाएंगे, जिसके बाद वे अपने घर लौटेंगे। इसके बाद सिंघू व टिकरी सीमा से किसान शनिवार को घर लौट गए थे। टिकैत ने तब किसानों के पहले समूह के 11 दिसंबर को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश रवाना होने की जानकारी देते हुए कहा था कि किसान 15 दिसंबर तक गाजीपुर सीमा पर अपना आंदोलन स्थल पूरी तरह से खाली कर देंगे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)