नयी दिल्ली, छह जुलाई आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत के लिए बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के दो आदेशों को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। उच्च न्यायालय ने इन मामलों में उनकी अलग-अलग जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें ‘‘घोटाले’’ में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं। उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
उच्च न्यायालय ने 30 मई को आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं तथा 18 विभागों के साथ उपमुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं और गवाह ज्यादातर लोक सेवक हैं, इसलिए गवाहों को प्रभावित किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिसोदिया को धनशोधन मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किया था।
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