नयी दिल्ली, नौ जनवरी दिल्ली की एक अदालत शराब बनाने वाली कंपनी पर्नोड रिकार्ड के अधिकारी बिनॉय बाबू की जमानत अर्जी पर 19 जनवरी को सुनवाई करेगी, जिन्हें कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का भी नाम शामिल है।
विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल सोमवार को बाबू की जमानत अर्जी पर दलीलें सुनने वाले थे, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ-साथ आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता के अनुरोध पर मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में यह भी कहा कि बाबू के साथ-साथ कुछ अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत अदालत के समक्ष दायर की गई थी और अदालत ने अभी तक दस्तावेजों का संज्ञान नहीं लिया है।
ईडी दिल्ली सरकार की अब रद्द की जा चुकी शराब नीति में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है। ईडी ने छह जनवरी को मामले में पांच लोगों और सात कंपनियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था।
हालांकि, ईडी ने मामले में आरोपी के रूप में सिसोदिया का नाम नहीं लिया और न्यायाधीश को बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है। आरोप पत्र में नामजद व्यक्ति विजय नायर, शरत रेड्डी, बिनॉय बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली और अमित अरोड़ा हैं।
धन शोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी के बाद शुरू किया गया, जिसमें अन्य लोगों के साथ सिसोदिया को भी आरोपी बनाया गया था। सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद उपमुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार के कुछ नौकरशाहों के परिसरों पर छापेमारी की थी।
दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद आबकारी योजना सवालों के घेरे में आ गई। उपराज्यपाल ने 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था।
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