नयी दिल्ली, 10 जनवरी भारतीय रियल एस्टेट में पिछले वर्ष 11.4 अरब डॉलर का इक्विटी निवेश आया। यह सालाना आधार पर 54 प्रतिशत अधिक है।
रियल एस्टेट परामर्श कंपनी सीबीआरई ने कहा कि इसमें सबसे ज्यादा निवेश डेवलपर्स और संस्थागत निवेशकों ने किया है।
सीबीआरई ने शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि इक्विटी निवेश में वृद्धि भूमि अधिग्रहण के साथ-साथ रियल एस्टेट के सभी परिसंपत्ति वर्गों के विकास में हुई है।
घरेलू निवेश सबसे ऊपर रहा। कैलेंडर वर्ष 2024 में कुल इक्विटी निवेश में इसकी हिस्सेदारी लगभग 70 प्रतिशत रही।
सिंगापुर, अमेरिका और कनाडा ने 2024 में भारतीय रियल एस्टेट में कुल इक्विटी निवेश में 25 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया।
पूंजी प्रवाह में डेवलपर्स सबसे आगे रहे, जिनकी हिस्सेदारी 2024 में कुल इक्विटी निवेश का लगभग 44 प्रतिशत रही। इसके बाद संस्थागत निवेशक 36 प्रतिशत, निगम 11 प्रतिशत, रीट (रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट) चार प्रतिशत और अन्य श्रेणियां लगभग पांच प्रतिशत रहीं।
सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशुमान मैगजीन ने कहा, “हमें निवेश गतिविधि, विशेष रूप से निर्मित कार्यालय परिसंपत्तियों और आवासीय विकास स्थलों में निरंतर गति देखने की उम्मीद है। ई-कॉमर्स और त्वरित वाणिज्य पर बढ़ते फोकस से लॉजिस्टिक और भंडारण क्षेत्र में मजबूत वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, जिससे डेवलपर और निवेशक, दोनों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।”
परिसंपत्ति वर्गों के संदर्भ में, 2024 में इक्विटी निवेश मुख्य रूप से भूमि/विकास स्थलों द्वारा संचालित होगा, जिसकी कुल हिस्सेदारी 39 प्रतिशत थी।
इसके बाद कार्यालय क्षेत्र में 32 प्रतिशत, खुदरा क्षेत्र में नौ प्रतिशत, आवासीय क्षेत्र में आठ प्रतिशत, औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक (आई एंड एल) में छह प्रतिशत, होटल में दो प्रतिशत तथा अन्य क्षेत्रों में चार प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी रही।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)