मुंबई, छह सितंबर यहां की एक विशेष अदालत ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता ज्योति जगताप को जेल में हर महीने पांच शैक्षिक या सामान्य किताबें प्राप्त करने की अनुमति दी है। ज्योति अभी मुंबई की भायखला जेल में बंद हैं।
विशेष एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) अदालत के न्यायाधीश राजेश जे. कटारिया ने जेल में किताबों के अनुरोध वाली याचिका को सोमवार को स्वीकार कर लिया। आदेश मंगलवार को उपलब्ध कराया गया।
कबीर कला मंच की सदस्य ज्योति को सितंबर 2020 में नक्सली गतिविधियों और माओवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसी एनआईए का आरोप है कि उन्होंने कट्टरपंथी सांस्कृतिक समूह के अन्य सदस्यों के साथ दिसंबर 2017 में पुणे में 'एल्गार परिषद' सम्मेलन में भड़काऊ नारे लगाए।
ज्योति ने अधिवक्ता शरीफ शेख और कृतिका अग्रवाल के जरिए दायर अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने मनोविज्ञान में मास्टर ऑफ आर्ट्स (एम.ए.) पूरा कर लिया है और वह जेल में हर महीने कुछ किताबें चाहती हैं।
याचिका में कहा गया है कि पिछली बार, भायखला जेल के अधीक्षक ने पुस्तकों की ‘डिलीवरी’ लेने से इनकार कर दिया था और उनके वकीलों तथा परिवार के सदस्यों से उन्हें इस संबंध में अदालत का आदेश प्राप्त करने को कहा था।
अभियोजन पक्ष ने ज्योति की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि आरोपी ने उन किताबों के नाम नहीं बताए जो वह प्राप्त करना चाहती थीं।
अदालत ने कहा कि भायखला (महिला) जेल अधीक्षक आवेदक ज्योति को उसके रिश्तेदारों या वकीलों से एक महीने में पांच सामान्य या शैक्षणिक पुस्तकें प्राप्त करने की अनुमति देंगे। अदालत ने यह भी कहा कि जेल अधीक्षक पुस्तकें आवेदक को सौंपने से पहले उनकी जांच और सत्यापन करेंगे।
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