मुंबई, 29 मई महाराष्ट्र की एक विशेष अदालत ने माओवादियों के साथ एल्गार परिषद के कथित संपर्क के मामले में आरोपी कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की अंतरिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
कार्यकर्ता ने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर मेडिकल आधार पर जमानत मांगी थी।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भारद्वाज की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें कोई जानलेवा बीमारी नहीं है।
विशेष सरकारी वकील प्रकाश शेट्टी ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार उनकी हालत स्थिर है।
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माओवादियों के साथ कथित रूप से संबंध रखने और सरकार के तख्ता पलट की साजिश करने के मामले में भारद्वाज और 10 अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निरोध) कानून (यूएपीए) में मामला दर्ज किया गया है।
कोरेगांव भीमा जिले में हिंसा होने के बाद पुणे पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
पुलिस के अनुसार, कार्यकर्ताओं ने पुणे में 31 दिसंबर, 2017 को आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण और बयान दिए थे जिसके बाद अगले दिन वहां हिंसा शरू हो गई।
पुलिस ने यह भी कहा है कि ये कार्यकर्ता प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय कार्यकर्ता थे।
बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया।
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