कोरोना वायरस से बचने को घरों में अदा की गई ईद की नमाज
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रायपुर, 25 मई छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लागू लाकडाउन के बीच ईद-उल-फितर का पर्व मनाया गया।

छत्तीसगढ़ में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद के मौके पर विशेष नमाज इस बार ईदगाह के बजाए घर में ही अदा की। आम तौर पर त्यौहार के मौके पर मस्जिद में रहने वाली भीड़ भी नहीं रही। वहीं लोगों से गले मिलने पर भी परहेज किया गया।

राजधानी रायपुर के शहर काजी मोहम्मद अली फारूखी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण को राकने के उपायों को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम समुदाय ने लॉकडाउन का पूरी तरह पालन किया। राज्य भर की मस्जिदों में पांच से छह लोगों ने सामाजिक और एकसूरसे से दूरी बनाये रखन के नियम का पालन करने हुए नमाज अदा की।

फारूखी ने बताया कि इस बार यहां के इदगाह के बजाए लोगों ने घर में ही नमाज अदा की।

उन्होंने बताया कि ईद के मौके पर देश में अमन चैन कायम रहने तथा कोरोना वायरस से लोगों के बचाव के लिए दुआएं मांगी गई।

बैंक अधिकारी शकील अहमद ने कहा कि ईद के मौके पर लोग इस बार घर से बाहर नहीं निकले तथा जिन लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी वह गले मिलने के बजाए हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिवादन किया। वहीं एक दूसरे के घर जाकर बधाई देने का सिलसिला भी इस बार कम रहा।

शकील अहमद ने कहा कि यह पहला मौका है कि लागों ने ईदगाह के बजाए घर में विशेष नमाज अदा की है। इस मौके पर लोगों ने दुआएं मांगी कि देश और दुनिया से जल्द से जल्द कोरोना वायरस का खात्मा हो तथा दुनिया में अमन चैन कायम रहे।

वहीं मोहम्मद वजीर ने बताया कि इस बार ईद के मौके पर ज्यादातर लोग बाजार जाने से बचे। हांलकि शहर में कुछ देर तक बाजार खुले लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लोगों ने भीड़ वाले इलाकों में जाना पसंद नहीं किया।

वजीर ने बताया कि ईद के मौके पर वह और उनका परिवार घर पर ही है तथा इस बार मिलने जुलने वालों की संख्या कम है। वह कहते हैं कि उम्मीद है कि यह परेशानी जल्द खत्म होगी और सब एक बार फिर पहले जैसा हो जाएगा।

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