नयी दिल्ली, तीन मई देश में ईद-उल-फितर का त्योहार मंगलवार को पूरे उत्साह के साथ मनाया गया, लेकिन राजस्थान के जोधपुर और मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसक घटनाओं ने भाईचारे का संदेश देने वाले इस त्योहार का जश्न फीका कर दिया।
गौरतलब है कि कोविड के कारण पिछले दो साल ईद का जश्न फीका-फीका सा रहा, मस्जिदों में ज्यादा संख्या में लोगों के जमा होने और बड़ी दावतें करने पर भी पाबंदी रही थी। लेकिन इस साल संक्रमण की दर कम होने के मद्देनजर प्रशासन द्वारा पाबंदियों में ढील दी गई।
जोधपुर और खरगोन में हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने वहां कर्फ्यू लगा दिया है और लोगों से घरों के भीतर रहने की अपील की है।
दिल्ली के जहांगीरपुर इलाके में जहां पिछले महीने रामनवमी पर हिंसा हुई थी, वहां हिन्दुओं और मुसलमानों ने साथ मिलकर कुशाल चौक पर ईद मनायी और एक-दूसरे के गले लगकर शांति और प्रेम का संदेश दिया।
शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जामा मस्जिद और फतेहपुर मस्जिद सहित तमाम मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गई।
जम्मू-कश्मीर में बारिश के बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ और उन्होंने पांरपरिक तरीके से पूरे उत्साह के साथ ईद मनाई। अधिकारियों ने बताया कि घाटी के किसी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
ईद पर कश्मीर में सबसे बड़ा जलसा हजरतबल पर हुआ जहां बारिश के बावजूद करीब 80,000 लोगों ने नमाज अदा की।
हालांकि, प्रशासन ने श्रीनगर के नौहाटा स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद में नमाज की अनुमति नहीं दी क्योंकि वहां की प्रबंधन समिति ने प्रशासन की शर्तें मानने से इंकार कर दिया था।
महाराष्ट्र में पुलिस महानिदेशक रजनीश सिंह ने कहा कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों को चार मई से चुप कराने के मनसे नेता राज ठाकरे के बयान पर औरंगाबाद पुलिस उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में करीब पांच लाख लोगों को इमाम मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने ईदगाह मैदान में नमाज अदा कराई।
कानून-व्यवस्था के अवर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बाद में राज्य के धार्मिक नेताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य में ‘पारंपरिक जंगा-जमुनी तहजीब’ के तहत ईद शांतिपूर्ण तरीके से मनाई गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया है, ‘‘आज उप्र में अनेक धार्मिक आयोजन सकुशल संपन्न हुए हैं। इन्हें सड़कों पर न आयोजित कर प्रदेश वासियों ने एक अच्छी पहल की है। स्वस्थ व समरस समाज हेतु आस्था का सम्मान एवं कानून का शासन साथ-साथ होना आवश्यक है। यही प्रदेश के विकास व नागरिकों के स्वावलंबन का आधार बनेगा। सभी का अभिनंदन!’’
बारिश के बीच कोलकाता के रेड रोड इलाके में ईद के त्योहार में शामिल तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से ‘‘देश को बांटने का प्रयास कर रही ताकतों’’ के खिलाफ लड़ने की अपील की।
बनर्जी ने कहा, ‘‘देश में की जा रही फूट डालो और राज करो तथा एकीकरण की राजनीतिक उचित नहीं है। डरें नहीं, लड़ते रहें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि दो साल बाद आप सभी रेड रोड पर ईद के नमाज के लिए जमा हुए हैं। यह और कहीं नहीं होता। देश में हालात सही नहीं हैं। देश में की जा रही फूट डालो और राज करो तथा एकीकरण की राजनीतिक उचित नहीं है।’’
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 51 मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष नमाज पढ़ी गई।
रायपुर के काजी-ए-शहर मौलाना मोहम्मद अली फारूकी ने पीटीआई- को बताया, ‘‘महामारी के कारण 2020 और 2021 में ईद के बड़े जश्न नहीं हुए लेकिन इस साल पूरे जोश से जश्न मनाया जा रहा है।’’
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