जयपुर, 10 मई राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण और संचयन के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यहां जल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि जनजातियों को कृषि व अन्य तरह के रोजगार से जोड़ा जा सके।
मिश्र मंगलवार को राजभवन में अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति विकास एवं कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की प्रगति एवं समस्याओं के संबंध में इस क्षेत्र के विधायकों से संवाद कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में निवास कर रहे जनजातीय समुदय के लोगों की प्रगति और उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए समयबद्ध रूप से प्रयास किए जाएं।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित रूप से जनजातीय क्षेत्र में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में और तेजी लाने की जरूरत है।
उन्होंने गत जनवरी में राजभवन में हुई जनजाति विकास योजनाओं की प्रगति की विशेष समीक्षा बैठक में दिए दिशा-निर्देशों की भी शीघ्र अनुपालना किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र की निवासी जनजाति और इस क्षेत्र के समीपवर्ती जनजातीय लोगों की सामाजिक- आर्थिक परिस्थिति और चुनौतियां एक जैसी हैं, इसे देखते हुए इन लोगों को भी रोजगार और शिक्षा के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाई जाए।
उन्होंने अनुसूचित क्षेत्र के आदिवासियों के कौशल विकास और संवर्धन पर भी बल दिया।
जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि जनजाति उपयोजना के 'महाराष्ट्र पैटर्न' को मूल भावना में राजस्थान में भी लागू किया जाना चाहिए।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि टीएसपी क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और नौकरियों के लिए कोचिंग देने की जयपुर, कोटा और उदयपुर में पर्याप्त व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है।
कुंज पृथ्वी
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