Extortion Case: ईडी ने मुंबई के निलंबित पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का बयान दर्ज किया

प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में मुंबई के निलंबित पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का बयान दर्ज किया है. यह जानकारी रविवार को आधिकारिक सूत्रों ने दी.

परमबीर सिंह (Photo Credit ANI)

Extortion Case:  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में मुंबई के निलंबित पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Param Bir Singh)  का बयान दर्ज किया है. यह जानकारी रविवार को आधिकारिक सूत्रों ने दी. बयान तीन दिसंबर को एजेंसी के दक्षिण मुंबई कार्यालय में धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि 59 वर्षीय पूर्व पुलिस आयुक्त से करीब पांच घंटे तक मामले के विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ हुई, जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर उनके द्वारा लगाए गए आरोप से जुड़े सवाल भी शामिल हैं.

प्रवर्तन निदेशालय पहले तीन बार सिंह को समन कर चुका था, लेकिन वह कभी पेश नहीं हुए। उन्हें फिर से समन किया जा सकता है. साल 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया.  वसूली के आरोप में सिंह एवं कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है.

सूत्रों ने बताया कि जांच को आगे बढ़ाने में उनका बयान ‘‘महत्वपूर्ण’’ है. महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया है. यह भी पढ़े: Extortion Case: परमबीर सिंह की बढ़ी मुश्किलें, जबरन वसूली मामले में मुंबई पुलिस ने दाखिल किया चार्जशीट

सिंह ने मार्च में देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और पद के दुरूपयोग के आरोप लगाए थे, जिसके बाद एंटीलिया कांड में उन्हें मुंबई पुलिस के आयुक्त पद से हटा दिया गया था.  उन्होंने देशमुख पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को मुंबई में रेस्तरां एवं बार से सौ करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था। उनके इस आरोप से राकांपा नेता ने इंकार किया था.  सिंह को मुंबई और ठाणे की अदालतों ने भगोड़ा घोषित कर रखा था और करीब छह महीने बाद पिछले महीने वह सामने आए.

उच्चतम न्यायालय का रुख करने के बाद उन्हें गिरफ्तारी से अस्थायी तौर पर राहत मिली है.

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