ED Raid: कबूतरबाजी रैकेट में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ ईडी की गुजरात, दिल्ली में छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को कहा कि उसने गुजरात और दिल्ली में कुछ "प्रमुख" साजिशकर्ताओं के खिलाफ छापेमारी की है, जो भारतीय नागरिकों को ‘‘फर्जी’’ वीजा और पासपोर्ट का उपयोग करके विदेश भेजने का रैकेट चलाते थे।

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नयी दिल्ली, 21 जनवरी: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को कहा कि उसने गुजरात और दिल्ली में कुछ "प्रमुख" साजिशकर्ताओं के खिलाफ छापेमारी की है, जो भारतीय नागरिकों को ‘‘फर्जी’’ वीजा और पासपोर्ट का उपयोग करके विदेश भेजने का रैकेट चलाते थे. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि ये छापेमारी 19-20 जनवरी को गुजरात के अहमदाबाद, सूरत और मेहसाणा तथा दिल्ली में 22 स्थानों पर की गई.

एजेंसी ने बयान में कहा कि ये स्थान लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजने में सहायता के मामले में "प्रमुख साजिशकर्ताओं" बॉबी उर्फ भरतभाई पटेल, चरणजीत सिंह और अन्य से जुड़े थे. पटेल को इस मामले में 2022 में गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और वह उसी वर्ष हुए डिंगुचा मामले में भी शामिल था, जिसमें कनाडा से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने का प्रयास करते समय एक भारतीय परिवार के चार व्यक्तियों की भयंकर ठंड के चलते मौत हो गई थी.

आरोपियों के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज ईडी का मामला भारतीय नागरिकों को 2015 से अवैध रूप से विदेश भेजने में उनकी कथित संलिप्तता के लिए भारतीय दंड संहिता और पासपोर्ट अधिनियम के तहत गुजरात पुलिस की ओर से दर्ज की गई दो प्राथमिकी से उपजा है.

आरोपी विभिन्न देशों के वीजा प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय नागरिकों को ‘‘जाली या फर्जी पासपोर्ट के साथ अवैध रूप से विदेश भेजने के लिए भारी धनराशि लेते थे.’’ एजेंसी ने कहा कि आरोपी एक यात्री से 60-75 लाख रुपये, प्रत्येक जोड़े (पति-पत्नी) से 1-1.25 करोड़ रुपये और माता-पिता के साथ बच्चे होने पर 1.25-1.75 करोड़ रुपये वसूलते थे.

ईडी ने कहा कि दो दिनों की छापेमारी के दौरान भारतीय मुद्रा में लगभग 1.5 करोड़ रुपये नकद और विदेशी मुद्रा में लगभग 21 लाख रुपये जब्त किए गए. ईडी के अनुसार, डिजिटल और दस्तावेज के रूप में कई अन्य "अभियोगात्मक" सबूत जब्त किए गए हैं.

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