नयी दिल्ली, तीन जनवरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में रियल एस्टेट समूह सुपरटेक के अध्यक्ष और प्रवर्तक आर.के. अरोड़ा द्वारा दायर उस याचिका का विरोध किया जिसमें धनशोधन के मामले में चिकित्सा आधार पर तीन महीने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला के सामने अरोड़ा का आवेदन उनकी ‘बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति’ के आधार पर पेश किया गया । आवेदन में कहा गया है कि जेल में डाले जाने के बाद से उनकी स्वास्थ्य स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है क्योंकि वह कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक एन.के. मट्टा और वकील मोहम्मद फैजान खान ने अदालत से कहा कि आरोपी को जमानत पर रिहा किये जाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें जो भी चिकित्सा सहायता चाहिए वह पहले से ही जेल में उपलब्ध है।
ऐसी संभावना है कि न्यायाधीश पांच जनवरी को इस पर आगे विचार कर सकते हैं। यह जमानत आवेदन 22 दिसंबर को दायर किया था और दावा किया गया था कि अरोड़ा को एक निजी अस्पताल में इलाज की जरूरत है।
याचिका में कहा गया, ‘‘ यह जिक्र करना उचित है कि आवेदक को गंभीर बीमारियों के तत्काल मेडिकल/सर्जिकल उपचार की जरूरत है।’’
इससे पहले अदालत ने इस मामले में निश्चित अवधि में जांच पूरी नहीं होने की स्थिति में जमानत की मांग करते हुए दाखिल की गयी अर्जी 15 अक्टूबर को खारिज कर दी थी।
अरोड़ा को तीन दौर की पूछताछ के बाद धनशोधन निवारण अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत 27 जून को गिरफ्तार किया गया था।
सुपरटेक ग्रुप, उसके निदेशकों और प्रवर्तकों के खिलाफ धनशोधन मामला दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकियों पर आधारित है। ईडी दिल्ली , हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस की अपराध शाखाओं द्वारा सुपरटेक लिमिटेड और उसके समूह की कंपनियों के खिलाफ कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात एवं जालसाजी को लेकर दर्ज की गयी 26 प्राथमिकियों की जांच कर रही है। उनपर कम से कम 670 घर खरीददारों का 164 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है।
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