इसके बाद वह अपनी टीम के साथ जश्न मनाने के बाद पीठ के बल लेट गये और उनकी आंखों में आंसू थे।
जोकोविच ने मैच के दौरान कुछ महत्वपूर्ण मौकों पर काफी अच्छा खेल दिखाया और इस जीत से वह एटीपी रैंकिंग में फिर से शीर्ष पर पहुंच जायेंगे। अब मेलबर्न में उनकी जीत की लय 28 मैच की हो गयी है जो 1968 से ओपन युग में सबसे ज्यादा मैच की है।
एक साल पहले वह आस्ट्रेलियाई ओपन में नहीं खेल पाये थे क्योंकि उन्हें कोविड-19 का टीकाकरण नहीं करवाने के कारण देश से निर्वासित कर दिया गया था। लेकिन तब से सरकार की पांबदियां कम हो गयी हैं और इस 35 साल के खिलाड़ी को टीकाकरण नहीं करवाने के बावजूद इस बार वीजा मिल गया।
जोकोविच के नाम पहले ही नौ आस्ट्रेलियाई ओपन ट्राफियां जीतने का रिकॉर्ड था जिसमें उन्होंने एक और खिताब जोड़ दिया। उनकी 22 मेजर चैम्पियनशिप में सात विम्बलडन, तीन अमेरिकी ओपन (वह कोरोना वायरस टीकाकरण नहीं करवाने के कारण पिछले साल भी इसमें नहीं खेल सके थे) और दो फ्रेंच ओपन की ट्राफियां शामिल हैं। अब वह टेनिस इतिहास में सबसे ज्यादा 22 ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाले रफेल नडाल के साथ बराबरी पर पहुंच गये हैं।
केवल दो महिला खिलाड़ी मारगरेट कोर्ट (24 खिताब) और सेरेना विलियम्स (23 खिताब) ही सबसे ज्यादा ग्रैंडस्लैम ट्राफी जीतने के मामले में इनसे आगे हैं।
यह जोकोविच के लिये एटीपी टूर पर 93वां खिताब भी था।
वह पूरे मैच में बेहतरीन दिखे लेकिन दो टाईब्रेकर में वह सर्वश्रेष्ठ रहे। उन्हें सिटसिपास से ज्यादा परेशानी नहीं हुई।
इस जीत से वह एटीपी रैंकिंग में पांचवें से पहले स्थान पर पहुंच जायेंगे जिस पर वह किसी अन्य खिलाड़ी से ज्यादा हफ्तों तक काबिज रहे थे।
पहले सेट में जोकोविच ने 4-1 से बढ़त बना ली थी और जब वह 4-4 की बराबरी पर थे तो उन्होंने अंतिम तीन प्वाइंट जीत लिये। वह अंतिम टाइब्रेकर में 5-0 से आगे थे और जब यह खत्म हुआ तो वह स्टैंड में कूद गये और अपने कोच गोरान इवानिसेविच और अपनी टीम के अन्य सदस्यों के साथ कूदने लगे।
फिर वह कोर्ट पर लौटे और बेंच पर बैठ गये, अपना चेहरा सफेद तौलिये में छुपाकर आंसू बहने दिये।
पिछली बार यहां नहीं खेलने के बाद मेलबर्न पार्क में वापसी में खिताब जीतने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि यह शायद मेरे जीवन की सबसे बड़ी जीत होगी। ’’
अपना 33वां मेजर फाइनल खेलने के बाद जोकोविच ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि परिस्थितियों को देखते हुए यह मेरी जिंदगी के सबसे चुनौतीपूर्ण टूर्नामेंट में से एक होगा। पिछले साल नहीं खेलना और इस साल वापसी करना। ’’
सिटसिपास अपने दूसरे फाइनल में खेल रहे थे। यूनान के इस 24 साल के खिलाड़ी को 2021 फ्रेंच ओपन में भी जोकोविच से हार मिली थी।
जोकोविच के कोच ने कहा, ‘‘हम सभी के लिये यह भावुक होने वाला पल है। उसके लिये काफी भावुक हूं। यह शानदार उपलब्धि है। उसके लिये ये तीन हफ्ते काफी कठिन रहे लेकिन वह इन सबसे उबरने में सफल रहा। ’’
सिटसिपास ने जोकोविच से कहा, ‘‘मैं आपका शुक्रिया करना चाहूंगा कि आपने अभी हमारे खेल को यहां तक पहुंचाया। ’’
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