देश की खबरें | डीजीपी सम्मेलन में नक्सली हिंसा, आतंकवाद विरोधी चुनौतियों के खिलाफ कार्रवाई पर हुई चर्चा

लखनऊ, 20 नवंबर पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में शनिवार को यहां नक्सली हिंसा, आतंकी मोड्यूल के खिलाफ कार्रवाई और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया।

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय पुलिस बलों के महानिदेशकों और 350 अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री पूरे सत्र में हुई चर्चाओं के दौरान बैठे रहे।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी चुनौतियां, वामपंथी उग्रवाद और मादक द्रव्यों के अवैध व्यापार से उभरती चुनौतियां जैसे मुद्दे प्रमुख थे।

प्रधानमंत्री ने 2014 से डीजीपी सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी ली है।

एक अधिकारी ने बताया कि पहले की प्रतीकात्मक उपस्थिति के विपरीत, वह सम्मेलन के सभी सत्रों में भाग लेकर स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे शीर्ष पुलिस अधिकारियों को देश को प्रभावित करने वाले पुलिसिंग और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सीधे प्रधानमंत्री को जानकारी देने का अवसर मिलता है।

खुफिया ब्यूरो की ओर से आयोजित इस सम्मेलन को संयुक्त प्रारूप में किया गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख ने लखनऊ में कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित होकर भाग लिया, जबकि शेष आमंत्रित लोगों ने आईबी व एसआईबी मुख्यालय में 37 विभिन्न स्थानों से डिजिटल तरीके से शिरकत की।

वर्ष 2014 से पहले यह वार्षिक सम्मेलन दिल्ली में ही आयोजित किया जाता था। वर्ष 2020 का डीजीपी सम्मेलन एक अपवाद है, जिसे डिजिटल माध्यम से आयोजित किया गया था। सम्मेलन को 2014 में गुवाहाटी में, 2015 में धोर्डो, कच्छ की खाड़ी, 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद, 2017 में बीएसएफ अकादमी, टेकनपुर, 2018 में केवड़िया और 2019 में आईआईएसईआर, पुणे में आयोजित किया गया था।

वर्ष 2014 से पहले इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों पर ही चर्चा होती रही।

पिछले सम्मेलनों में हुए फैसलों से पुलिस सेवा क्षेत्र से जुड़ी नीतियों में महत्वपूर्ण बदलावों में मदद मिली है।

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