नयी दिल्ली, 13 फरवरी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक से संबंधित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट के साथ विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट को संलग्न किया गया है और ऐसे में रि़पोर्ट को असंवैधानिक तथा अवैध बोलना उचित नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि सबकुछ नियमों के अनुसार हुआ है।
संसदीय कार्य मंत्री की भी जिम्मेदारी निभा रहे रीजीजू ने कहा, ‘‘पिछले छह महीनों में जेपीसी ने बहुत अच्छी तरह काम किया, हजारों लोगों को सुना है। राज्यसभा में कुछ सदस्यों ने कहा कि उनके असहमति नोट को हटाया गया है। जबकि रिपोर्ट पूरी तरह पेश की गई है।’’
उनके मुताबिक, असहमति नोट में अगर समिति को लेकर कोई सवाल उठाया जाता है तो समिति अध्यक्ष को उस अंश को हटाने का अधिकार है।
रीजीजू ने कहा कि सदस्यों के असहमति नोट को हटाया नहीं गया है तथा हर चीज नियम के अनुसार है।
उन्होंने कहा, ‘‘जेपीसी की रिपोर्ट को अवैध और असंवैधानिक बताना ठीक नहीं है।’’
रीजीजू का कहना था, ‘‘यह राजग की रिपोर्ट नहीं है; यह संसद की रिपोर्ट है... सभी असहमति नोट उस रिपोर्ट में शामिल हैं जो संसद में पेश की गई है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)













QuickLY