नयी दिल्ली, 22 दिसंबर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को न्यायापालिका और सरकार के संबंध में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान को पूरी तरह से अनुचित बताते हुए राजनीतिक दलों के नेताओं से आग्रह किया कि वे उच्च संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों पर पक्षपात करने का आरोप नहीं लगाएं।
धनखड़ ने कहा कि संप्रग अध्यक्ष का बयान उनके विचारों से पूरी तरह से भिन्न है और न्यायपालिका को कमतर करना उनकी सोच से परे है।
सभापति ने कहा कि संप्रग अध्यक्ष का बयान पूरी तरह अनुचित है और लोकतंत्र में उनके विश्वास की कमी का संकेत देता है।
सोनिया कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख भी हैं और उन्होंने बुधवार को पार्टी संसदीय दल की बैठक में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सुनियोजित ढंग से न्यायपालिका के प्राधिकार को कमजोर करने का प्रयास कर रही है, जो बहुत ही परेशान करने वाला घटनाक्रम है।
संप्रग अध्यक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह जनता की नजर में न्यायपालिका की स्थिति को कमतर बनाने का प्रयास कर रही है।
धनखड़ ने उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को रद्द किए जाने को लेकर पिछले दिनों न्यायपालिका की आलोचना की थी और इसे "संसदीय संप्रभुता से समझौते" का उदाहरण बताया था।
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