Uttarakhand: वनाग्नि को लेकर सरकार गंभीर, CM धामी ने 'पिरुल लाओ-पैसा पाओ' मिशन पर दिया जोर
CM Pushkar Dhami | X

देहरादून, आठ मई: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जंगलों में बेकाबू हो रही आग की स्थिति का जायजा लिया जबकि आग बुझाने के कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में 10 वनकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. इस बीच, वन विभाग ने दावा किया कि पिछले दो दिनों से वनाग्नि की घटनाओं में लगातार कमी आ रही है और इस पर काबू पाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप जल्द ही उस पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा. SC on Uttarakhand Forest Fire: क्लाउड सीडिंग या बारिश के भरोसे नहीं बैठ सकते, उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर सुप्रीम कोर्ट सख्त.

मुख्यमंत्री ने वनों में आग लगने के एक मुख्य कारण पिरूल (चीड़ के पेड़ की सूखी पत्तियां) को एकत्रित करने के लिए एक प्रभावी योजना बनाने तथा पिरूल संग्रहण केंद्र बनाने को भी कहा. उन्होंने जानबूझकर जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में लिप्त लोगों पर कठोर कार्रवाई करने को भी अधिकारियों से कहा .

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में जंगल में आग फैलने से रोकने के लिए फायर लाइन बनाने तथा इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करने के निर्देश दिए. उन्होंने वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए प्रदेश में सचिवों को अलग—अलग जिलों की जिम्मेदारी देने को भी कहा जो प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर इस दिशा में प्रभावी कदम उठायेंगे .

उन्होंने वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए जिलाधिकारियों को जनजागरूकता के अलावा जनसहयोग लेने को भी कहा. उन्होंने वनाग्नि की सूचना मिलने और उस पर कार्रवाई करने के बीच के रिस्पांस टाइम को कम से कम करने को भी कहा .

बाद में मुख्यमंत्री रूद्रप्रयाग पहुंचे और जंगल में बिखरी पिरूल की पत्तियों को एकत्रित कर जनता को इससे जुड़ने का संदेश दिया. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, 'मेरा प्रदेश की समस्त जनता से अनुरोध है कि आप भी अपने आसपास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रूप में संचालित करने का प्रयास करें .'

CM धामी ने पिरूल की पत्तियों को किया एकत्र

उन्होंने यह भी बताया कि वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार 'पिरूल लाओ—पैसे बचाओ' मिशन पर भी कार्य कर रही है जिसके तहत पिरूल 50 रू प्रति किलो की दर से खरीदा जाएगा. धामी ने कहा कि इस मिशन का संचालन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करेगा जिसके लिए 50 करोड़ रू का कार्पस फंड पृथक रूप से रखा जाएगा.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर वनाग्नि को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित कर दिया गया, पांच को कार्यालयों से संबद्ध किया गया जबकि दो अन्य को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. उधर, वन विभाग ने दावा किया कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जंगलों में लगी आग में पिछले दो दिनों से लगातार कमी आ रही है और अगले कुछ दिनों में इन पर पूर्णत: नियंत्रण कर लिया जाएगा .

यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, छह मई को प्रदेश में वनाग्नि की 125 बड़ी घटनाएं सामने आयीं जबकि सात मई को इनकी संख्या 46 थी . उन्होंने बताया कि बुधवार को वनाग्नि की बड़ी घटनाओं की संख्या घटकर 15 हो गयी . विभाग ने उम्मीद जाहिर की कि वनाग्नि नियंत्रण की व्यापक कार्रवाई के फलस्वरूप अगले कुछ दिनों में इस पर पूरा काबू पा लिया जाएगा.