जरुरी जानकारी | सिर्फ पांच जिंसों पर निर्भरता से कृषि निर्यात वैश्विक कीमतों को लेकर संवेदनशीलः रिपोर्ट
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश के कृषि निर्यात में चावल और चीनी समेत पांच जिंसों की ही प्रमुखता होने से यह क्षेत्र वैश्विक कीमतों एवं मांग में किसी भी उतार-चढ़ाव को लेकर संवेदनशील है। आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।
नयी दिल्ली, 25 दिसंबर देश के कृषि निर्यात में चावल और चीनी समेत पांच जिंसों की ही प्रमुखता होने से यह क्षेत्र वैश्विक कीमतों एवं मांग में किसी भी उतार-चढ़ाव को लेकर संवेदनशील है। आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि बासमती चावल, गैर-बासमती चावल, चीनी, मसाले और तेल खली की भारत के कुल कृषि निर्यात में सम्मिलित रूप से 51.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
इसके अलावा घरेलू स्तर पर भारत को ढांचागत खामियों, गुणवत्ता नियंत्रण से जुड़े मुद्दों और गैर-शुल्क बाधाओं का भी सामना करना पड़ता है। ये सभी भारतीय कृषि क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्द्धात्मकता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
रिपोर्ट कहती है, "इस स्थिति में कृषि निर्यात वैश्विक जिंस कीमतों और मांग में होने वाली किसी भी उठापटक से प्रभावित हो सकता है।"
इसके अलावा समय-समय पर इन प्रमुख कृषि जिंसों के निर्यात पर अलग-अलग कारणों से बंदिशें भी लगती रहती हैं। इससे उनकी वैश्विक पहुंच और मांग पर असर पड़ता है।
भारत ने फिलहाल घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाई हुई है। इसके अलावा चावल और गेहूं को सार्वजनिक भंडारण कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली सब्सिडी का मुद्दा भी विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के पास विचाराधीन है।
जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हालात सुधारने के लिए जरूरी है कि सिर्फ पांच जिंसों पर अतिशय निर्भरता को कम किया जाए और सरकार आधुनिक ढांचागत आधार तैयार करने पर ध्यान दे।
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