‘‘ओमीक्रोन’’ के लिए रास में उठी नीति बनाने और इसे जल्द अंजाम देने की मांग
निपाह वायरस (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 30 नवंबर : कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘‘ओमीक्रोन’’ को लेकर दुनिया भर में बढ़ती चिंता के बीच, राज्यसभा में मंगलवार को एक मनोनीत सदस्य ने केंद्र सरकार से देश में कोविड रोधी टीकों की बूस्टर खुराक लोगों को देने के लिए एक नीति बनाने और इसे जल्द से जल्द अंजाम दिए जाने की मांग उठाई. उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान मनोनीत सदस्य डॉ नरेंद्र जाधव ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘‘ओमीक्रोन’’ के मामलों का पता चलने के बाद पूरी दुनिया एक बार फिर सकते में है. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस स्वरूप को लेकर आगाह किया है. उन्होंने कहा ‘‘कोरोना वायरस का यह स्वरूप डेल्टा स्वरूप की तुलना में अधिक संक्रामक है और यूरोप में इसका खतरा मंडरा रहा है.’’ जाधव ने कहा ‘‘भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका है. हमारे देश में सभी लोगों का अब तक पूर्ण टीकाकरण नहीं हो पाया है जबकि जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा आदि देशों में बूस्टर खुराक दी जा रही है. ’’ उन्होंने मांग की कि ‘‘ओमीक्रोन’’ के खतरे को देखते हुए सरकार देश में कोविड रोधी टीकों की बूस्टर खुराक के लिए एक नीति बनाए और इसे जल्द से जल्द अंजाम दे ताकि महामारी की तीसरी लहर से बचा जा सके. शून्यकाल में ही तृणमूल कांग्रेस के लुईजिन्हो फालेयरो ने गोवा में प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं से तटीय राज्य गोवा की पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण तथा लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

उन्होंने दावा किया कि 13 मिलियन टन कोयला गोवा से कर्नाटक भेजने के लिए एक समझौता किया गया है और राज्य में चलाई जा रही अन्य परियोजनाओं का उद्देश्य भी कोयला परिवहन ही है. फालेयरो ने कहा कि महादेयी नदी गोवा की जीवनरेखा है लेकिन उसका पानी कर्नाटक को दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन कर राज्य में अवैध खनन किया गया और करोड़ों की लूट हुई. उन्होंने सरकार से मांग की कि राज्य में ऐसी कोई गतिविधि को अनुमति न दी जाए जिसका उसके विकास पर प्रतिकूल असर पड़े. बीजद के सुभाष चंद्र सिंह ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाने की मांग की. उन्होंने शून्यकाल में कहा कि कोविड काल में जब लोग अपने घरों से बाहर निकलने से बच रहे थे, ऐसे में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह किया. यह भी पढ़ें : Omicron Variants: अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइन्स, बोर्डिंग से पहले भरना होगा फॉर्म

उन्होंने कहा कि इन कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा मानदेय अत्यंत कम है और ओडिशा सरकार उन्हें अतिरिक्त राशि दे रही है. ‘‘लेकिन यह पर्याप्त नहीं है.’’ उच्च सदन में सिंह ने केंद्र सरकार से इस बारे में जल्द कदम उठाने की मांग की. समाजवादी पार्टी के सुखराम सिंह यादव चौधरी ने उत्तर प्रदेश के कानपुर-जाजमऊ में स्थित राजा ययाति के किले के संरक्षण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कानपुर के जाजमऊ में राजा ययाति का किला है और पुरातत्व विभाग की खोदाई में 2800 साल पुरानी संस्कृति के अवशेष मिलने पर उसे संरक्षित कर दिया गया था. इसके बाद अनदेखी के चलते संरक्षित किला परिसर में बस्ती बस गई और धीरे धीरे किला अब नष्ट होने के कगार पर है. उन्होंने सरकार से तत्काल किले के संरक्षण की मांग की.