ताजा खबरें | लोकसभा में उठी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. लोकसभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने, हरियाणा के खनन श्रमिकों को ध्यान में रखकर अस्पताल खोले जाने और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में असमय वर्षा के कारण आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन कराने की मांग उठायी।

नयी दिल्ली, सात दिसंबर लोकसभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने, हरियाणा के खनन श्रमिकों को ध्यान में रखकर अस्पताल खोले जाने और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में असमय वर्षा के कारण आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन कराने की मांग उठायी।

भाजपा के सत्यदेव पचौरी ने जनसंख्या का मुद्दा शून्यकाल में उठाते हुए कहा कि देश में खेती और आवास के लिए सीमित भूमि है, जल समेत विभिन्न संसाधन सीमित हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है, ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाया जाना चाहिए।

वहीं, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की चिंता अनुराधा ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से अनुरोध किया कि निजी और सरकारी क्षेत्र की महिला कर्मियों के लिए हर महीने दो दिन का मासिक धर्म (मेन्स्ट्रल) से संबंधित अवकाश होना चाहिए जो उनका विशेषाधिकार हो।

भाजपा के धरमबीर सिंह ने हरियाणा के भिवानी, दादरी और नारनौल में खनन क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को होने वाली बीमारियों और उनके साथ होने वाली दुर्घटनाओं का विषय उठाते हुए ऐसी स्थिति में तत्काल उपचार के लिए तीनों जगह कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के अस्पताल खोले जाने की मांग केंद्र से की।

भाजपा के ही जगदंबिका पाल ने उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अक्टूबर में असमय वर्षा के कारण आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय दल भेजने की मांग की।

कांग्रेस के के. सुरेश ने शून्यकाल में कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को पेंशनभोगी कर्मियों को भुगतान के संबंध में उच्चतम न्यायालय के पिछले दिनों दिये गये आदेश का पालन करना चाहिए।

तेलंगाना से कांग्रेस के उत्तम रेड्डी ने राज्य में चार कोल ब्लॉक के आवंटन पर केंद्र सरकार की कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाया जिसका खंडन करते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं और पारदर्शी तरीके से आवंटन हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘करोड़ों रुपये का कोयला घोटाला करने वाले पारदर्शिता नहीं चाहते।’’

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