ताजा खबरें | राज्यसभा में उठी विश्वविद्यालयों, स्कूलों को जल्द से जल्द खोले जाने की मांग

नयी दिल्ली, 10 फरवरी राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य प्रोफेसर मनोज झा ने बृहस्पतिवार को संसद में ऑनलाइन शिक्षा से छात्रों, खासकर गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों को हो रहे नुकसान का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और स्कूल जल्द से जल्द खोले जाने की मांग की।

ज्ञात हो कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यायलों को बंद कर दिया गया था और इस दौरान सरकार ने पढ़ाई के लिए ऑनलाइन माध्यम को बढ़ावा दिया। संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद कई राज्यों ने धीरे-धीरे स्कूल और कॉलेज खोलना शुरु किए है।

राज्यसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए झा ने कहा, ‘‘देश के जिन भी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है, वहां जल्द से जल्द ऑफलाइन मोड में पढ़ाई हो। यह स्कूलों पर भी लागू हो। सारे विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और स्कूल फौरी तौर पर खोले जाएं।’’

उन्होंने कहा कि हाशिए के समूहों के पास डिजिटल पहुंच की समस्या है और पिछले दो वर्षों में देश की वर्तमान पीढ़ी को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई में कई वर्ष लग जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई ने शिक्षा और समानता की खाई को और बढ़ा दिया है।

अपना एक अनुभव साझा करते हुए झा ने कहा कि वह भी छात्रों को पढ़ाते हैं और इस दौरान अक्सर महसूस करते हैं कि कई छात्र वीडियो ऑफ करके बैठते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे संवाद नहीं होता है। शिक्षा की राह में यह सबसे बड़ी बाधा है।’’

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास ने वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा का मुद्दा उठाया और सरकार पर उन्हें मिलने वाली सुविधाओं में कटौती करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम कर चुके लोगों की एक बड़ी तादाद है जो आज वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते हैं और इनके पास आय के स्रोत का कोई नियमित साधन नहीं है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने उनकी स्थिति को और दयनीय बना दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय इंदिरा गांधी वृद्धवास्था पेंशन योजना में सरकार का अंशदान बहुत कम है। भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम, जो दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सस्ती कीमत पर अत्याधुनिक सहायक उपकरण उपलब्ध कराता है। इससे वरिष्ठ नागरिकों को बहुत सहायता मिल जाया करती थी लेकिन इस साल इसका बजटीय आवंटन घटा दिया गया है। मनरेगा और स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को भी कम किया गया है।’’

उन्होंने केंद्र सरकार को गरीब विरोधी करार दिया और मांग की कि उसे अपना घमंड पीछे रखकर वरिष्ठ नागरिकों और गरीबों के हित वाली योजनाओं का बजट बढ़ाना चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी के दीपक प्रकाश ने झारखंड में कोयले के अवैध खनन का मामला उठाया और इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की।

उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में हो रहे अवैध खान में झारखंड और बंगाल की सत्ताधारी पार्टियां शामिल है और दोनों में मिलीभगत है और इस वजह से राज्य में कोयले की तस्करी बढ़ती चली जा रही है।

मनोनीत सदस्य नरेंद्र जोधव ने जनजातीय बहुल इलाकों में कोविड-19 रोधी टीकाकरण में तेजी लाने की मांग की।

उन्होंने इस मामले में मणिपुर को फिसड्डी राज्यों में एक बताया और कहा कि वहां की 40 प्रतिशत जनजातीय आबादी है लेकिन अभी तक उनमें से सिर्फ 56 प्रतिशत को ही पहली खुराक दी गई है जबकि 43 प्रतिशत को दोनों खुराक दी गई है।

उन्होंने कहा कि कमोबेश यही स्थिति नगालैंड की है।

जाधव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से जनजातीय बहुल इलाकों में टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की मांग की।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)