ताजा खबरें | राज्यसभा में उठी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित उत्तराखंड और हिमाचल के लिए वित्तीय सहायता की मांग

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने शुक्रवार को राज्यसभा में मांग की कि केंद्र सरकार को दलगत भावना से ऊपर उठकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए, जहां बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ के कारण लगभग दो दर्जन लोगों की जान चली गई है तथा कई अभी भी लापता हैं।

नयी दिल्ली, दो अगस्त कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने शुक्रवार को राज्यसभा में मांग की कि केंद्र सरकार को दलगत भावना से ऊपर उठकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए, जहां बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ के कारण लगभग दो दर्जन लोगों की जान चली गई है तथा कई अभी भी लापता हैं।

शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में बादल फटने से छह लोगों की मौत हो गई और 50 लोग लापता हैं।

उच्च सदन में कांग्रेस के उपनेता ने कहा कि बाढ़ के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ दर्जनों अन्य सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे पर्यटक और अन्य यात्री फंस गए हैं।

तिवारी ने कहा कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण 16 लोगों की मौत हो गई है और कई लापता हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने के कारण 22 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग लापता हैं।’’

उन्होंने मांग की कि क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार को दोनों राज्यों को पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।

तिवारी ने कहा कि पिछली बार हिमाचल प्रदेश में जब प्राकृतिक आपदा आई थी तो केंद्र सरकार ने आवश्यक धनराशि राज्य सरकार को आज तक नहीं दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक आधार पर नहीं बल्कि क्षति के आधार पर क्षतिपूर्ति की जाए। हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष व्यवस्था की जाए।’’

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुचि शिवा ने ‘गिग वर्कर्स’ के कल्याण का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में गिग वर्कर्स की संख्या वर्तमान में अनुमानित 80 लाख से बढ़कर 2030 तक 2.3 करोड़ होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन खाना उपलब्ध करवाने के मंच स्विगी और जोमैटो तथा ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ डिलीवरी पार्टनर के रूप में काम करने वाले गिग वर्कर्स की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।

शिवा ने कहा कि ओला और उबर जैसी परिवहन सेवाओं के लिए काम करने वाले चालक भी विषम परिस्थितियों में काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि पश्चिम के कुछ देशों के विपरीत जहां गिग वर्कर्स को दुर्घटना बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है, भारत में गिग वर्कर्स को अक्सर स्वतंत्र ठेकेदारों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए वह सामाजिक सुरक्षा के लाभों से भी वंचित रह जाते हैं।

शिवा ने गिग अर्थव्यवस्था के नियमन के लिए एक राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार करने और गिग श्रमिकों के मूल अधिकारों की रक्षा करने की मांग की।

‘गिग वर्कर्स’ उन श्रमिकों को कहा जाता है जिनका काम अस्‍थायी होता है।

निर्दलीय सदस्य कार्तिकेय शर्मा ने हरियाणा के प्रत्येक जिले में एक सरकारी अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में उन्नत करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सुपर स्पेशियलिटी केंद्र स्थापित करने की लागत वहन करनी चाहिए और राज्य सरकार को जमीन उपलब्ध कराने सहित अन्य खर्च वहन करना चाहिए।

द्रविड़ मुनेत्र कषमग (द्रमुक) के एम षणमुगम ने कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों और रसायनों के उपयोग की सख्त निगरानी की मांग करते हुए कहा कि कई देशों में प्रतिबंधित कीटनाशकों का भारत में अभी भी उपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कीटनाशकों और हानिकारक रसायनों की समय-समय पर समीक्षा होनी चाहिए और जैव कीटनाशकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जो काफी हद तक सुरक्षित हैं।

बीजू जनता दल (बीजद) के मुजीबुल्ला खान ने दिल्ली से छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के लिए सीधी उड़ान की मांग की ताकि पर्यटकों और कारोबारियों की यात्रा सुगम हो सके।

उन्होंने कहा कि मंदिरों और चित्रकोट जलप्रपात की मौजूदगी के कारण जगदलपुर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।

खान ने कहा कि लौह अयस्क खानों, बैलाडीला खानों और एनएमडीसी के एक इस्पात संयंत्र की उपस्थिति के कारण अक्सर व्यापारी भी इस क्षेत्र का दौरा करते रहते हैं।

उन्होंने सप्ताह में कम से कम दो बार दिल्ली से जगदलपुर के लिए सीधी उड़ान की मांग करते हुए कहा कि ओडिशा से सटा होने के कारण दोनों राज्यों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

भारतीय जनता पार्टी की संगीता बलवंत ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में अंधऊ हवाई पट्टी से व्यावसायिक विमान सेवा शुरू करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि अंधऊ हवाई पट्टी को अंग्रेजों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बनवाया था।

भाजपा के ही नरेश बंसल ने भौगोलिक और सामाजिक संरचना का हवाला देते हुए हिमालयी राज्यों के लिए एक स्वतंत्र नीति की मांग उठाई।

समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन ने आगरा के जूता उद्योग से जुड़े लोगों की समस्याओं को उठाया और उन्हें सरकारी संरक्षण देने की मांग की।

उन्होंने कहा कि जूता बनाने वालों को उसका उचित लाभ नहीं मिलता जबकि बिचौलिए उसकी ब्रांडिंग और पैकेजिंग कर मुनाफा कमा लेते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार से मांग करूंगा कि वह इस कुटीर उद्योग को संरक्षण दे।’’

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