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नयी दिल्ली, 24 जुलाई: यमुना नदी का जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान 205.33 मीटर से एक मीटर से अधिक ऊपर रहा, जिसके कारण प्राधिकारियों ने ‘ओल्ड रेलवे ब्रिज’ (ओआरबी) पर रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना नदी का जल स्तर शाम पांच बजे 206.30 मीटर दर्ज किया गया. यह भी पढ़ें: Mumbai Rains: मुंबई के मेघवाड़ी इलाके में स्कूल लैब की गैलरी गिरी, कोई हताहत नहीं
सुबह पांच से सुबह सात बजे के बीच जल स्तर 205.56 मीटर था और सुबह आठ बजे इसमें मामूली गिरावट आयी और यह 206.54 मीटर दर्ज किया गया तथा दोपहर 12 बजे 206.47 मीटर दर्ज किया गया. आयोग ने अनुमान जताया है कि जल स्तर सोमवार देर रात दो बजे तक कम होकर 206.22 मीटर तक आ जाएगा.
ओआरबी पर नदी का जलस्तर 13 जुलाई को 208.66 मीटर के अब तक के सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद कुछ दिन से खतरे के निशान के आस-पास है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से नदी में पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था.
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ओआरबी पर रेलगाड़ियों का परिचालन यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण निलंबित कर दिया गया है. अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली और शाहदरा के बीच मार्ग बंद रहेगा और रेलगाड़ियों को नयी दिल्ली के रास्ते भेजा जाएगा.’’
अधिकारियों के मुताबिक, नदी के जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार, यमुना का जलस्तर शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर रविवार देर रात तीन बजे 206.57 मीटर पर पहुंच गया जिसके बाद इसमें गिरावट आने लगी.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के मुताबिक, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर शनिवार सुबह नौ बजे एक लाख के आंकड़े के पार चली गई और सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही.
दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर असर पड़ेगा और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है. इससे शहर में जल आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, जो वजीराबाद पंप हाउस में बाढ़ के कारण चार-पांच दिन तक प्रभावित रही थी.
दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने चंद्रावल में जल शोधन संयंत्र का दौरा किया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यमुना का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है...इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के आदेश पर चंद्रावल जल शोधन संयंत्र में तैयारियों का जायजा लिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली जल बोर्ड की तैयारियां पुख्ता है, यमुना का जलस्तर 209 मीटर पर हो जाने के बाद भी संयंत्र चलता रहेगा.’’
भारद्वाज ने रविवार को वजीराबाद जल शोधन संयंत्र का दौरा किया था. दिल्ली में वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला में तीन जल शोधन संयत्र को बाढ़ के कारण बंद कर दिया गया था लेकिन बाद में फिर से खोल दिया गया था. दिल्ली को इस महीने अप्रत्याशित जलभराव और बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
इसके कारण यमुना नदी के आसपास रहने वाले लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
पूजा देवी (47) पिछले 15 दिन में इस उम्मीद से यमुना नदी के किनारे स्थित इलाके का कई बार दौरा कर चुकी हैं कि उसके घर को जलमग्न कर चुका पानी कम हो जाएगा, लेकिन हर बार उसकी उम्मीदें टूट जाती है और वह निराश होकर राहत शिविर में लौट आती हैं.
अब उन्हें डर है कि वह अपने बसेरे पर नहीं लौट पाएंगी क्योंकि अधिकारियों ने उन्हें कहा कि उनकी झुग्गियां ‘‘अवैध’’ है. उन्हें बताया गया है कि यमुना का जलस्तर कम होने के बाद भी उन्हें वहां लौटने नहीं दिया जाएगा. पूजा देवी 11 जुलाई से राहत शिविर में रह रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जो भोजन हमें मिलता है वह ज्यादातर वक्त आधा पका हुआ रहता है. अधपके भोजन के बजाय अगर सरकार हमें राशन उपलब्ध करा दें तो ज्यादा बेहतर होगा.’’
तीन बच्चों के पिता ओम प्रकाश (30) ने कहा, ‘‘कोई नौकरी नहीं है. मुझ नहीं मालूम कि मैं कैसे आजीविका अर्जित करूंगा.’’ उन्होंने कहा कि राहत शिविर में नियमित आधार पर भोजन नहीं आता और कई बार उन्हें खाली पेट सोना पड़ा है. उन्होंने कहा कि उनके बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि बाढ़ में उनकी किताबें, बैग और वर्दी बह गए हैं.
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