देश की खबरें | दिल्ली दंगे : अदालत ने पुलिसकर्मी पर बंदूक तानने वाले आरोपी की जमानत याचिका खारिज की

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल फरवरी में शहर के उत्तरपूर्वी इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान पुलिस हेड कॉन्स्टेबल पर बंदूक तानने के आरोपी शख्स की जमानत याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।

अदालत ने कहा कि घटना के वीडियो क्लिप ने अदालत की अंतरात्मा को हिला कर रखा दिया है कि आरोपी कैसे कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में ले सकता है।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि भले ही हवा में गोली चलाते हुए आरोपी शाहरुख पठान की मंशा पुलिस अधिकारी या मौके पर मौजूद लोगों को मारने की हो या न हो लेकिन यह मानना मुश्किल है कि उसे यह नहीं पता था कि उसकी हरकत से मौके पर मौजूद किसी भी व्यक्ति को नुकसान पहुंच सकता है।

अदालत ने कहा, “इतना ही नहीं, याचिकाकर्ता का यह मामला नहीं है कि वह कथित घटना में शामिल नहीं था। इस अदालत के विचार में, निचली अदालत ने सही कहा है कि याचिकाकर्ता पर दंगों में शामिल होने का आरोप है और उसकी तस्वीर उसकी संलिप्तता के बारे में बहुत कुछ कहती है।”

न्यायाधीश ने कहा, “याचिकाकर्ता के अपराध की गंभीरता को देखते हुए और मौजूदा मामले के तथ्यों पर भी विचार करते हुए, मैं याचिकाकर्ता को जमानत नहीं दे सकता। अभियोजन के मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी करने से बचते हुए इस याचिका को खारिज किया जाता है।”

पिछले साल फरवरी में दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के निहत्थे हेड कॉन्स्टेबल दीपक दाहिया पर बंदूक तानने वाली पठान (24) की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी जिसके बाद उसे उत्तर प्रदेश के शामली जिले से तीन मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह यहां की जेल में बंद है।

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