नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के समर्थकों और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच हिंसा के बाद, 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों के दौरान उपद्रव, चोरी और आगजनी के 11 आरोपियों को यहां की एक अदालत ने बरी कर दिया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि गोकलपुरी निवासी नौशाद की शिकायत के आधार पर दर्ज मामले में, पुलिस सभी आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रही।
बरी किये गए लोगों में सुमित, अंकित चौधरी, आशीष कुमार, सौरव कौशिक, भूपेन्द्र, शक्ति सिंह, पप्पू, विजय, सचिन कुमार, योगेश और राहुल शामिल हैं।
न्यायाधीश ने 4 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा, ‘‘मैंने पाया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप सभी तार्किक संदेहों से परे साबित नहीं हुए हैं और वे सभी (आरोपी) संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं।’’
नौशाद ने आरोप लगाया था कि 25 फरवरी 2020 की रात करीब 10 बजे आरोपी व्यक्ति गोकलपुरी स्थित उसके घर में जबरन घुस गए, लूटपाट की और आग लगा दी।
दंगों के दौरान सांप्रदायिक झड़पों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और लगभग 200 लोग घायल हुए थे।
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