नयी दिल्ली, 26 अगस्त दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दंगों के कथित षड़यंत्र से संबंधित यूएपीए मामले में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर को मानवीय आधार पर 10 दिन के लिए अंतरिम जमानत दे दी।
अदालत ने इस शर्त के साथ हैदर को जमानत दी है कि वह मीडिया और सोशल मीडिया पर कोई बात नहीं करेंगे और न ही आम लोगों से मिलेंगे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेई चार सप्ताह की अंतरिम जमानत के लिए हैदर की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
अदालत ने मानवीय आधार पर दायर याचिका पर गौर किया और कहा कि उनकी बहन के साथ रहने के लिए परिवार का कोई पुरुष सदस्य नहीं है, जिनके समय से पहले जन्मे बच्चे की मृत्यु हो गई थी।
अदालत ने इस दलील पर भी गौर किया कि हैदर एक अप्रैल 2020 से हिरासत में हैं और उन्होंने अंतरिम जमानत नहीं मांगी है।
अदालत ने शनिवार को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष के जवाब के अनुसार, हैदर ने जिन तथ्यों का उल्लेख किया है उन्हें सत्यापित किया जा चुका है।
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