नयी दिल्ली, 16 नवंबर राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को वायु की गुणवत्ता और बिगड़ गयी तथा कई क्षेत्रों में यह ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गयी।
चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण के के तहत प्रदूषण रोधी उपायों के पहले दिन प्रशासन ने करीब 5.85 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया एवं अपनी कार्रवाई तेज कर दी।
यहां अपराह्न चार बजे पिछले 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 417 रहा जिसके साथ ही यह शहर देश में सबसे प्रदूषित रहा। शुक्रवार को एक्यूआई 396 था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक ‘गंभीर’ श्रेणी की हवा स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी खतरा पैदा करती है तथा पहले से बीमार लोगों पर बहुत बुरा असर डालती है।
सीपीसीबी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से श्री अरबिंदो मार्ग को छोड़कर सभी में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी, जिसमें एक्यूआई 400 से ऊपर था।
दिल्ली के बाद हरियाणा के जींद में 394 एक्यूआई के साथ दूसरी सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जबकि बहादुरगढ़ 388एक्यूआई के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401-500 के बीच रहने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत शुक्रवार को पाबंदियां लगायी गयी। प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। यातायात पुलिस, परिवहन विभाग एवं अन्य की टीम उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगा रही हैं।
शुक्रवार को दिल्ली यातायात पुलिस ने बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर लगभग 550 चालान जारी किए, जिससे जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों के पहले दिन एक करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया।
इसके अलावा बीएस 3 पेट्रोल, बीएस 4 डीजल चार पहिया वाहनों पर भी रोक लगा दी गई है और उल्लंघन करने पर 20,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
पुलिस ने प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) नहीं रखने वाले वाहनों पर भी कार्रवाई की और शुक्रवार को 4,855 वाहनों पर कुल 4.85 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
शनिवार को कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर बसों के निरीक्षण के दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित पड़ोसी राज्य प्रतिबंध के बावजूद बीएस-4 डीजल बसें भेजकर राजधानी में वायु प्रदूषण बढ़ा रहे हैं।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों की ओर इशारा करते हुए राय ने कहा, ‘‘भाजपा सरकारें वायु प्रदूषण को और बदतर बनाने के लिए जानबूझकर दिल्ली में डीजल बसें भेज रही हैं, जो मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत प्रतिबंधित है।’’
प्रदूषण से निपटने के प्रयासों के तहत राय ने घोषणा की कि प्रतिबंध का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग की कुल 84 प्रवर्तन टीमें और यातायात पुलिस की 280 टीमें तैनात की गई हैं।
इसके अतिरिक्त, निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा, खनन से संबंधित गतिविधियां निलंबित रहेंगी और प्रमुख सड़कों पर प्रतिदिन पानी का छिड़काव किया जाएगा। शहर में पांचवीं कक्षा तक के स्कूल सप्ताहांत के बाद ऑनलाइन मोड में चले जाएंगे।
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