देश की खबरें | दिल्ली पुलिस ने ड्रग्स के अंतरराष्ट्रीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया, 20 किलो ड्रग्स जब्त

नयी दिल्ली, 22 सितंबर दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ गिरोह के दो अहम सदस्यों को बिहार से गिरफ्तार किया है।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अभिषेक राजा (26) और निज़ामुद्दीन (34) के तौर पर हुई है। पुलिस ने उनके पास से 10 किलोग्राम हेरोइन और 10 किलोग्राम अफीम ज़ब्त की है जिसकी कीमत 60 करोड़ रुपये से ज़्यादा आंकी गई है।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी और उनके सहयोगी दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों में बीते तीन साल से नशीले पदार्थों की आपूर्ति कर रहे थे।

बकौल पुलिस, बरामद हेरोइन और अफीम की तस्करी म्यांमा से की गई थी जो मणिपुर के रास्ते भारत आई थी।

पुलिस ने एक स्कोर्पियो गाड़ी भी ज़ब्त की है, जिसमे मादक पदार्थों को तस्करी के लिए छुपा कर रखने के लिए गुप्त स्थान बनाए गए हैं।

विशेष प्रकोष्ठ के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जसमीत सिंह ने कहा, “विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम इस सूचना पर काम कर रही थी कि मणिपुर, असम, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी का गिरोह सक्रिय है।”

उन्होंने बताया, “ गिरोह को मणिपुर के रास्ते म्यांमा से हेरोइन प्राप्त होती थी। जिसे वह दिल्ली-एनसीआर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में भेजते थे। जानकारी जुटाने में तीन महीने का समय लगा। इस दौरान गिरोह के सदस्यों की पहचान की गई और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी गई।’’

सिंह ने कहा, “हमने गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम बिहार भेजी। गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए, दोनों आपूर्तिकर्ताओं अभिषेक राजा और निज़ामुद्दीन को 12 सितंबर को दरभंगा जिले में एनएच-27 पर झंझारपुर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। उस वक्त वे एक स्कॉर्पियो में सवार थे।”

पूछताछ में पता चला कि वे एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य हैं।

अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पिछले तीन वर्षों में मणिपुर से दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में नशीले पदार्थों की आपूर्ति की है।

उन्होंने बिहार में रहने वाले अपने सरगना के निर्देशों पर मणिपुर के एक व्यक्ति से हेरोइन और अफीम की खरीदी थी। सिंह ने कहा कि वे एक व्यक्ति को खेप पहुंचाने के लिए दिल्ली आए थे।

डीसीपी ने बताया, “उन्होंने खुलासा किया कि उनका आका मणिपुर में काम करता था और उसने मादक पदार्थ के आपूर्तिकर्ताओं के साथ संपर्क बनाए। अपने गृह राज्य बिहार वापस आने के बाद उसने अपना नेटवर्क खड़ा किया।”

सिंह ने बताया कि म्यांमा से आने वाली हेरोइन की काफी मांग है, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अफीम की फसल से बनी हेरोइन की तुलना में अच्छी गुणवत्ता की होती है।

डीसीपी ने कहा कि पूछताछ में यह भी पता चला कि यह पिछले सात-आठ साल में हेरोइन और अन्य नशीली पदार्थों की तस्करी के लिए मणिपुर से होते हुए म्यांमा अहम मार्ग बन गया है।

पुलिस गिरोह के बाकी सदस्यों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

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