दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमडीएनआईवाई में निदेशक पद पर नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज की
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) के निदेशक के रूप में ईश्वरप्पा वीरभद्रप्पा बसवरेड्डी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया है।
नयी दिल्ली, 15 नवंबर: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) के निदेशक के रूप में ईश्वरप्पा वीरभद्रप्पा बसवरेड्डी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया है. एमडीएनआईवाई, आयुष मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि बसवरेड्डी के पास पद पर नियुक्ति के लिए अपेक्षित योग्यता नहीं थी और उन्होंने नियुक्ति संबंधी कथित गलत और मनगढ़ंत जानकारी पेश की थी.
इस महीने की शुरुआत में पारित एक आदेश में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बसवरेड्डी की 'प्रोफाइल' संस्थान के निदेशक के अनुरूप है. यह देखते हुए कि वह (बसवरेड्डी) 30 जून को पद से सेवानिवृत्त हो गए थे और जनहित याचिका इस प्रकार "विवादास्पद" थी, अदालत ने आदेश दिया, "प्रस्तुत किए गए सबूतों और तर्कों की व्यापक समीक्षा के आधार पर, हमें याचिका को कायम रखने का कोई ठोस कारण नहीं मिला। इसलिए, याचिका खारिज की जाती है."
इस पीठ में शामिल न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा, "नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित परिणामों या नियुक्त किए गए व्यक्ति के प्रदर्शन को लेकर असंतोष कानूनी कमजोरी में तब्दील नहीं होता." साथ ही उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी चुनौती के पक्ष में कोई निर्विवाद सबूत प्रदान नहीं किया है.
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