देश की खबरें | दिल्ली सरकार कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा बैंक बनाएगी: केजरीवाल

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नयी दिल्ली, 29 जून मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए ‘प्लाज्मा बैंक’ स्थापित करेगी क्योंकि यहां अस्पतालों में स्वास्थ्यकर प्लाज्मा थेरेपी के उत्साहजनक नतीजे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये एक संवाददाता सम्मेलन में अगले दो दिन में इस बैंक के शुरू हो जाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह बैंक दिल्ली सरकार द्वारा संचालित यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान में स्थापित किया जाएगा और डॉक्टरों तथा अस्पतालों को मरीज की जरूरत को देखते हुए प्लाज्मा के लिए यहां संपर्क करना होगा।

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उन्होंने कोविड-19 से जान गंवाने वाले सरकारी अस्पताल एलएनजेपी के डॉक्टर असीम गुप्ता (52) के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि घोषित की और कहा कि समाज ने एक बहुत ही बहुमूल्य योद्धा खो दिया।

गुप्ता इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चा पर सेवा दे रहे थे । वह इसी दौरान कोविड-19 से संक्रमित हो गये और उनका रविवार को एक निजी अस्पताल के आईसीयू में निधन हो गया।

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केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार कोविड-19 से स्वस्थ हो चुके लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा दान से जुड़ी जानकारियों को लेकर सरकार हेल्पलाइन भी स्थापित करेगी।

उन्होंने कहा कि जो भी प्लाज्मा दान करने के इच्छुक होंगे, उनके लिए सरकार यात्रा का प्रबंध करेगी। केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 मरीज के रिश्तेदार मरीजों को प्लाज्मा देने के लिए स्वतंत्र हैं । सिर्फ बैंक में ही दान देना आवश्यक नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा बैंक शायद अपनी तरह की पहली ऐसी व्यवस्था होगी। शायद यह देश में पहला प्लाज्मा बैंक होगा।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग प्लाज्मा हासिल करने के लिए काफी परेशान हो रहे थे, जिसको देखते हुए इस बैंक की जरूरत महसूस हुई। उन्होंने बताया कि निजी और सरकारी अस्पताल दोनों ही यहां से प्लाज्मा हासिल कर सकेंगे।

हालांकि, उनका यह भी कहना था कि प्लाज्मा थेरेपी ‘संजीवनी बूटी’ नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ सामान्य तौर पर उन मरीजों की जान बचा पाना काफी मुश्किल हो जाता है जो अंतिम स्थिति में हैं या उन्हें पहले से ही बीमारियां हैं और वेंटिलेटर पर हैं। वैसे मरीज जिनकी स्थिति मध्यम स्तर पर है, उनके लिए यह थेरेपी लाभदायक है।’’

वैसा व्यक्ति जो हाल ही में कोविड-19 से उबरा है और उसमें एंटीबॉडी विकसित हुई है, प्लाज्मा थेरेपी में ऐसे ही मरीजों के खून से एंटीबॉडीज ली जाती है और इसका इस्तेमाल संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाता है।

केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने अब तक कोविड-19 के 29 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल परीक्षण किया है और इसके परिणाम 'उत्साहजनक' रहे हैं।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी कोविड-19 से संक्रमित थे और उन पर भी प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया। अब वह स्वस्थ हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में 35 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया, जिनमें से 34 की जान बचाई गई और एक मरीज की मौत हो गई। उनके अनुसार, इसी तरह से निजी अस्पतालों में 49 मरीजों पर इस थेरेपी का इस्तेमाल हुआ, जिनमें से 46 लोग स्वस्थ हो गए।

मुख्यमंत्री ने लोगों से आगे आकर प्लाज्मा दान करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ पूरे जीवन में दूसरों की जान बचाने के बहुत कम मौके आते हैं और आपके पास (कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोग) यह मौका है।’’

संयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कोविड-19 के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का शुभारंभ किया। राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने दावा किया कि यह दुनिया में अपने तरह की सबसे बड़ी पहल है।

केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिस्तरों की कमी नहीं है और इस महामारी से निपटने के लिए कई प्रभावी तरीके अपनाए गए हैं।

उन्होंने कहा,‘‘ फिलहाल हमारे पास 13500 बिस्तर है और उनमें केवल 6000 ही अबतक भरे है।’’

रविवार को दिल्ली में संक्रमण के 2,889 मामले सामने आए जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 83,000 से अधिक हो गई और अब तक 2,623 लोगों की मौत हो चुकी है। महानगर में अब 421 निरूद्ध क्षेत्र हैं।

केजरीवाल ने कहा कि डॉ असीम गुप्ता की पत्नी भी डॉक्टर हैं और वह भी संक्रमित हो गयी थीं लेकिन वह ठीक हो गयी हैं।

इस बीच संबंधित घटनाक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एलएनजेपी के सिलसिले में मरीजों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की निगरानी तथा कोविड-19 ड्यूट पर लगे चिकित्सकों एवं अर्धचिकित्साकर्मियों को मनोवैज्ञानिक परामर्श देने की सिफारिश की।

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