नयी दिल्ली, 16 फरवरी दिल्ली का संदिग्ध चयन का सिलसिला रणजी ट्राफी सत्र के बेमानी अंतिम ग्रुप मैच में भी जारी रहा और सुभ्रांशु सेनापति के शतक की बदौलत ओडिशा ने स्टंप तक चार विकेट गंवाकर 314 रन बना लिये।
ग्रुप डी से नॉकआउट की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी दिल्ली ने तीन खिलाड़ियों बल्लेबाज गगन वत्स, बायें हाथ के स्पिनर सुमित माथुर और लेग स्पिनर प्रिंस चौधरी को पदार्पण कराया।
दिल्ली की टीम में बायें हाथ के तेज गेंदबाज सिद्धांत शर्मा शामिल नहीं थे जिन्होंने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ पिछले मैच में कुल सात विकेट हासिल किये थे।
जामिया मिलिया इस्लामिया मैदान की धीमी पिच को सिद्धांत को बाहर करने का तर्क दिया गया। लेग ब्रेक गेंदबाज प्रिंस को ऋतिक शौकीन (17 विकेट) की जगह चुना गया जो सत्र में दिल्ली के दूसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं जो कहीं से भी तार्किक नहीं लगता।
अगर क्षितिज शर्मा (67 रन) को चुनने की बात की जाये तो विशेषज्ञ ऑफ स्पिनर शौकीन (96) के उनसे ज्यादा रन हैं।
वहीं प्रिंस का संबंध है तो वह आयु ग्रुप के पूर्व चयनकर्ता और दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में प्रभावशाली व्यक्ति के भतीजे हैं।
प्रिंस के 13 ओवर में 73 रन बने, उन्होंने नौ बाउंड्री दी।
सेनापति 13 चौके लगाकर 109 रन बनाकर खेल रहे हैं। उन्होंने लेग स्पिनर प्रिंस के खिलाफ 39 गेंद में 40 रन जुटायें जबकि उन्होंने काफी रक्षात्मक होकर बल्लेबाजी की। दूसरे छोर पर बिप्लब समंत्रे 40 रन बनाकर खेल रहे हैं।
सेनापति ने तीसरे विकेट के लिए शांतनु मिश्रा (76) के साथ 80 रन की भागीदारी निभायी। ओडिशा का कोई बल्लेबाज दिल्ली के गेंदबाजी आक्रमण के सामने मुश्किल में नहीं दिखा।
हिमांशु चौहान (28 विकेट) धीमी पिच पर प्रभावी नहीं दिखे।
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