देश की खबरें | मानहानि मामला : न्यायालय ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई छह हफ्ते के लिए स्थगित की
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई सोमवार को छह हफ्तों के लिए स्थगित कर दी, जिसमें उन्होंने मई 2018 में यूट्यूबर ध्रुव राठी का वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करने से संबंधित मानहानि मामले में जारी कई समन को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
नयी दिल्ली, 12 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई सोमवार को छह हफ्तों के लिए स्थगित कर दी, जिसमें उन्होंने मई 2018 में यूट्यूबर ध्रुव राठी का वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करने से संबंधित मानहानि मामले में जारी कई समन को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने समझौते के लिए कुछ और वक्त मांगा जिसके बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने मामले पर सुनवाई छह हफ्ते के लिए स्थगित कर दी।
सिंघवी ने कहा, ‘‘हम खेद प्रकट करते हैं लेकिन समझौते के लिए थोड़ा और वक्त दिया जाए। अभी इस व्यक्ति की जिंदगी में बहुत सारी चीजें चल रही हैं।’’
शिकायकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता राघव अवस्थी ने कहा कि केजरीवाल को वक्त दिया जा सकता है लेकिन यह असीमित नहीं होना चाहिए और थोड़ी बहुत बातचीत होनी चाहिए।
सिंघवी ने कहा कि वह (केजरीवाल) वीडियो साझा करने के लिए खेद व्यक्त करते हैं लेकिन यह उनकी (शिकायतकर्ता की) शर्तों पर नहीं हो सकता।
पीठ ने मामले पर सुनवाई के लिए छह हफ्ते बाद की तारीख तय की है ताकि दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंच सकें।
इससे पहले, केजरीवाल ने स्वीकार किया कि उनसे कथित मानहानिकारक वीडियो साझा करके गलती हुई है।
शीर्ष अदालत ने 11 मार्च को केजरीवाल से पूछा था कि क्या वह मामले में शिकायतकर्ता से माफी मांगना चाहते हैं।
केजरीवाल ने इससे पहले 26 फरवरी को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी प्रकोष्ठ से संबंधित कथित मानहानिकारक वीडियो साझा करके उनसे गलती हुई है।
शिकायतकर्ता विकास संकृत्यायन की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत से कहा था कि केजरीवाल ‘एक्स’ या ‘इंस्टाग्राम’ जैसे सोशल मीडिया मंच पर माफीनामा जारी कर सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किए बिना शिकायतकर्ता से पूछा था कि अब जबकि याचिकाकर्ता यह स्वीकार कर चुका है कि उससे गलती हुई है तो क्या वह मामले को बंद करना चाहते हैं।
शीर्ष अदालत ने निचली अदालत को अगले आदेशों तक केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले पर सुनवाई न करने का निर्देश दिया था।
पांच फरवरी के अपने फैसले में उच्च न्यायालय ने कहा था कि मानहानिकारक जानकारी साझा करने के मामले में मानहानि कानून लागू हो सकता है।
उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को समन जारी करने के 2019 के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
सांकृत्यायन ने दावा किया था कि जर्मनी में रहने वाले राठी ने ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2’ शीर्षक वाला वीडियो साझा किया था, “जिसमें झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाए गए थे।”
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)