गांधीनगर, 10 मार्च गुजरात विधानसभा में बुधवार को मूंगफली की खरीद के विषय पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और विपक्ष के नेता परेश धनानी के बीच गरमागरम बहस हुई।
प्रश्नकाल में धनानी ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि खरीद केंद्रों से किसानों को इस आधार पर लौटा दिया जाता है कि बिक्री के लिए उनके द्वारा लायी गयी मूंगफली में बहुत अधिक कंकड़ और बालू है।
उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि किसान उसे वापस नहीं ले जा पाते हैं ऐसे में वे उसे बिचौलियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बेचने के लिए बाध्य हो जाते हैं। ये बिचौलिये फिर उसे एमएसपी पर बेचते हैं (एवं मुनाफा कमाते हैं)।’’
कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘‘ आप (भाजपा वाले) इस मूंगफली खरीद घोटाले में लिप्त हैं।’’
इस पर रूपाणी ने आरोप का खंडन किया और कहा कि किसानों ने खरीद के बारे में कभी शिकायत नहीं की।
उन्होंने कहा, ‘‘ लाखों किसानों ने एमएसपी पर बेचा है और सीधे उनके खातों में रकम अंतरित की गयी है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार नहीं बल्कि केंद्रीय एजेंसी नेफेड किसानों से उनकी ऊपज खरीदती है।
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