नयी दिल्ली, छह फरवरी राज्यसभा में अडाणी मामले सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण सोमवार को बैठक बाधित रही और सदन की कार्यवाही को एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
विपक्ष के सदस्य विभिन्न मुद्दों पर कार्य स्थगन के प्रस्ताव वाले नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए अड़े हुए थे। सदन में आज भी शून्यकाल एवं प्रश्न काल हंगामें की भेंट चढ़ गया।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरे पास इस संदेश को पहुंचाने का कोई अन्य तरीका, विकल्प या प्रतिभा नहीं है। ’’
उन्होंने कहा कि सदस्य इस बात से अच्छी तरह से परिचित हैं कि सूचित कामकाज उन्हें अपनी बात को अभिव्यक्त करने के हर तरह के अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह इस बात के तार्किंक कारणों का उल्लंघन करता है कि सदस्य इसका लाभ क्यों नहीं उठा रहे हैं।
सभापति अपनी बात पूरी कर पाते, इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने इस बात की मांग करना शुरू कर दिया कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को उनकी बात रखने का अवसर दिया जाए।
इसके बाद सभापति ने सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले, पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरु होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व सदस्य अब्दुल समद सिद्दिकी के निधन का जिक्र किया और उन्हें पूरे सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
सभापति ने दस्तावेज पटल पर रखवाने के बाद बताया कि उन्हें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, द्रविड मुनेत्र कषगम के तिरुचि शिवा सहित दस सदस्यों की ओर से, नियम 267 के तहत नियत कामकाज निलंबित करने और उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं।
धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल सहित दो सदस्यों के नोटिस विलंब से मिले हैं। उन्होंने कहा कि आसन द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं होने की वजह से ये नोटिस स्वीकार नहीं किए गए। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
सभापति ने कहा कि शून्यकाल के लिए सदस्यों द्वारा दिए गए नोटिस स्वीकार किए गए हैं और सदस्य अपने अपने मुद्दे इसके तहत उठाएं। उन्होंने वाईएसआर सदस्य वी विजय साई रेड्डी को शून्यकाल के तहत अपना मुद्दा उठाने के लिए कहा।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से सभापति ने कहा ‘‘यह उच्च सदन है। मैंने पहले भी बार-बार कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं कि सदन में जनहित के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। पूरे देश की निगाहें हम पर हैं। स्थापित परंपरा और दिशानिर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि सदन में व्यवस्था होनी चाहिए। हम जनता की आकांक्षाओं का सम्मान नहीं कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं लोकतंत्र और संविधान के नाम पर सदस्यों से अपील करता हूं कि सदन की कार्यवाही चलने दें। हर दिन आपको मुद्दे उठाने का मौका दिया जाता है। आप नियमों को तोड़ने की कोशिश न करें। हर दिन का उपयोग जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने में किया जा सकता है।’’
हंगामा कर रहे सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए धनखड़ ने कहा ‘‘आप नियत कामकाज होने दें। यह समय हमारे लिए आम आदमी से जुड़े मुद्दे उठाने का है, वह उठाने दें।’’
सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति ने 11 बज कर करीब 12 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भी अडाणी मामले पर विपक्ष के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक में गतिरोध बना रहा था।
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