देश की खबरें | बिपारजॉय चक्रवात सौराष्ट्र, कच्छ की ओर मुड़ने को तैयार, बृहस्पतिवार को तट से टकराएगा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अरब सागर से उठा चक्रवात ‘बिपारजॉय’ बुधवार को गुजरात के कच्छ क्षेत्र और इससे सटे दक्षिण पाकिस्तान की ओर मुड़ने को तैयार है। इस प्रक्रिया में यह थोड़ा कमजोर हो रहा है, लेकिन इससे अभी भी तूफानी लहरों, तेज हवाओं और भारी बारिश का खतरा बना हुआ है।

नयी दिल्ली, 14 जून अरब सागर से उठा चक्रवात ‘बिपारजॉय’ बुधवार को गुजरात के कच्छ क्षेत्र और इससे सटे दक्षिण पाकिस्तान की ओर मुड़ने को तैयार है। इस प्रक्रिया में यह थोड़ा कमजोर हो रहा है, लेकिन इससे अभी भी तूफानी लहरों, तेज हवाओं और भारी बारिश का खतरा बना हुआ है।

दक्षिण पूर्वी अरब सागर में छह जून को बनने के बाद से, ‘बिपारजॉय’ लगातार उत्तर की ओर बढ़ते हुए मजबूत हो रहा था और 11 जून को यह अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया था जिसकी हवाओं की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे से अधिक के आंकड़े की तरफ बढ़ रही थी, लेकिन एक दिन बाद इसकी तीव्रता कम हो गई थी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिपारजॉय बुधवार को रास्ता बदलने और कच्छ तथा सौराष्ट्र की ओर उत्तर-पूर्वी दिशा में बढ़ने के लिए तैयार है तथा बृहस्पतिवार की शाम यह जखाऊ बंदरगाह के पास से गुजरेगा।

महापात्र ने कहा, ‘‘तीव्रता पर नजर डालें तो चक्रवात बिपारजॉय थोड़ा और कमजोर हो गया है। लेकिन, यह बृहस्पतिवार को सुबह से शाम तक 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में तट से टकराएगा।’’

चक्रवात के प्रभाव से सौराष्ट्र और कच्छ के निचले इलाकों में ऊंची समुद्री लहरें उठने तथा क्षेत्र के जलमग्न होने जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।

मौसम कार्यालय ने अधिकारियों से गिर, सोमनाथ और द्वारका जैसे लोकप्रिय स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने को कहा है तथा लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया है।

महापात्र ने कहा कि दक्षिण राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होने की उम्मीद है तथा कुछ क्षेत्रों में गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

तेज हवाओं से फूस के घरों के पूरी तरह से नष्ट होने, कच्चे घरों को व्यापक नुकसान और पक्के घरों को भी थोड़ा-बहुत नुकसान होने की आशंका है।

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