Odisha: ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने थाने में सैन्य अधिकारी से मारपीट मामले की जांच शुरू की
ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने भुवनेश्वर के एक थाने में सेना के एक अधिकारी से कथित तौर पर मारपीट और उसकी महिला मित्र से ‘छेड़छाड़’ के मामले की मंगलवार को जांच शुरू कर दी.
भुवनेश्वर/कटक, 18 सितंबर : ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने भुवनेश्वर के एक थाने में सेना के एक अधिकारी से कथित तौर पर मारपीट और उसकी महिला मित्र से ‘छेड़छाड़’ के मामले की मंगलवार को जांच शुरू कर दी. कथित घटना रविवार सुबह भरतपुट थाने में हुई, जब पश्चिम बंगाल में तैनात सेना के अधिकारी और उसकी महिला मित्र एक ‘रोड रेज’ की शिकायत दर्ज कराने गए थे, जिसमें कुछ स्थानीय युवकों द्वारा कथित तौर पर उन्हें परेशान किया गया था. थाने में, प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर दोनों की पुलिसकर्मियों से बहस हो गई. सैन्य अधिकारी को कथित तौर पर हवालात में रखा गया और उसकी महिला मित्र को एक महिला अधिकारी द्वारा अलग कमरे में ले जाया गया, जहां उसके साथ कथित तौर पर मारपीट की गई, उसके कपड़े उतारे गए और उससे छेड़छाड़ की गई. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सेना के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद छोड़े जाने से पहले उन्हें 10 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था. हालांकि, पुलिस ने सैन्य अधिकारी की महिला मित्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.
एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि दोनों अनुचित हालत में पुलिस थाने पहुंचे और जब उनसे ‘रोड रेज’ की घटना के बारे में लिखित शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने इनकार कर दिया और इसके बजाय एक महिला पुलिसकर्मी सहित अन्य पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया. अपराध शाखा की पांच सदस्यीय टीम ने मंगलवार को भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस थाने का दौरा किया और रविवार सुबह घटना के दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों से चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की तथा मामले के दस्तावेजों की जांच की. इससे पहले, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), अपराध शाखा, अरुण बोथरा ने एक आदेश में कहा कि नरेंद्र कुमार बेहरा, पुलिस उपाधीक्षक, सीआईडी, अपराध शाखा, कटक को इस मामले और इस संबंध में दर्ज अन्य मामलों की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि घटना के बाद, भारतीय सेना की सेंट्रल कमान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ओडिशा के भरतपुर थाने में एक सैन्य अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार की घटना की खबर मीडिया में आई है. भारतीय सेना इस घटना को गंभीरता से लेती है. आवश्यक कार्रवाई के लिए राज्य के अधिकारियों के समक्ष मामले को उठाया गया है.’’ यह भी पढ़ें : प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों का धरना जारी, मुख्यमंत्री के साथ एक और बैठक की मांग
इस बीच, मंगलवार को उड़ीसा उच्च न्यायालय ने सैन्य अधिकारी की महिला मित्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को आदेश दिया कि वह उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में उपचार उपलब्ध कराए. उच्च न्यायालय ने महिला की जमानत याचिका पर सुनवाई बुधवार को करना तय किया और जांच अधिकारी तथा भरतपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक को बुधवार को डिजिटल तरीके से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया. पत्रकारों से बात करते हुए महिला के वकील मोहित मोहंती ने बताया कि उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की गई हैं. उन्होंने कहा कि पहली याचिका जमानत के लिए थी और दूसरी एक पुनर्विचार याचिका है जो महिला के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध को लेकर है.